23 अप्रैल, 2021
कृषि विज्ञान केंद्र, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, सूरत, गुजरात ने आज ‘धरती मेरी माता’ शीर्षक से ‘जमीन सुपोषण एवं संरक्षण’ पर एक जनजागृति कार्यक्रम (वेबिनार) का आयोजन किया।
डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, संसद सदस्य (लोकसभा), राजकोट विधानसभा क्षेत्र, गुजरात ने गाय आधारित खेती पर जोर देते हुए गैर-जहरीले खाद्य पदार्थों एवं सब्जियों की खेती के लिए संदेश फैलाने का आग्रह किया।
डॉ. जेड. पी. पटेल, कुलपति, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, गुजरात ने किसानों और प्रकृति के पारंपरिक ज्ञान का समाविष्ट करते हुए स्थायी/सतत कृषि पर जोर दिया।
डॉ. सी. के. टिम्बडिया, विस्तार शिक्षा निदेशक, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, गुजरात ने अपने संबोधन में टिकाऊ एवं जैविक/प्राकृतिक खेती पर जोर दिया। उन्होंने किसानों से रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अधिक उपयोग से बचने और जैविक खेती की ओर बढ़ने का भी आग्रह किया।
श्री परेशभाई व्यास, अध्यक्ष, ग्राम विकास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गुजरात ने रासायनिक उर्वरकों के विवेकहीन उपयोग के कारण उपजाऊ मिट्टी का बंजर जमीन में बदलते जाने को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
इससे पहले अपने संबोधन में डॉ. जे. एच. राठौड़, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, सूरत, गुजरात ने कृषि में मिट्टी के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
वेबिनार में लगभग 125 किसानों ने भाग लिया।
(स्त्रोत: कृषि विज्ञान केंद्र, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, सूरत, गुजरात)
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