23 नवंबर, 2019, गुवाहाटी

श्री कैलाश चौधरी, राज्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आज असम कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, खानपाड़ा, गुवाहाटी में असम के प्रगतिशील किसानों और कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों से बातचीत की।
श्री चौधरी ने पशुधन, मूल्य वर्धन और फसलोपरांत क्षेत्र में अभिनव, प्रगतिशील किसानों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादक कंपनी के सदस्यों द्वारा प्राप्त सफलता की सराहना की। मंत्री ने बीज उत्पादन डेयरी फार्मिंग, फसल कटाई के बाद मूल्य वर्धन और जैविक खेती में कंपनी को सफलतापूर्वक चलाने के लिए एफपीसी और एसएचजी सदस्यों की भी सराहना की। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता को बनाए रखते हुए जैविक उत्पादों के लिए प्रमाणीकरण का प्रयास करें।
मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने में जैविक खेती की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सभी हितधारकों से तालमेल में काम करने और केवीके से राज्य के संचालन के तहत विभिन्न योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों, एसएचजी की सहायता करने के साथ-साथ तकनीकी सहायता प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाने का आग्रह किया।
डॉ. ए. के. सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप; डॉ. वी. पी. चहल, अतिरिक्त महानिदेशक, (कृषि विस्तार), भाकृअनुप; डॉ. ए. के. त्रिपाठी, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोन-VI, गुवाहाटी; डॉ. पी. के. पाठक, निदेशक (विस्तार शिक्षा), असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट सहित केवीके और अन्य संस्थानों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-VI, गुवाहाटी)
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