17th अप्रैल, 2016, इडुक्की
भाकृअनुप- कृषि विज्ञान केन्द्र, इडुक्की में किसान-वैज्ञानिक इन्टरफेस बैठक का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन डेयर के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र द्वारा किया गया।
डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में किसानों के घर द्वार तक सभी प्रौद्योगिकियों को पहुंचाने की जरूरत पर बल दिया और किसानों से कृषि विज्ञान केन्द्र की बुनियादी सुविधाओं और अन्य सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों से अपनी टिकाऊ आमदनी के लिए आईएफएस कृषि प्रणाली मॉडल्स पर और जैविक तरीके से अपने कृषि उद्यम को बढ़ाने पर अपना ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा।
श्री छबिलेन्द्र राउल, आईएएस, अपर सचिव, डेयर एवं सचिव, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने सम्बोधन में कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि वे वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों पर किसानों का फीडबैक लेने और उसकी रिपोर्ट भाकृअनुप प्रणाली को करने के संबंध में सम्पर्क सेतु हैं। साथ ही उन्होंने सभी पहलुओं पर किसानों के साथ सम्पर्क को और अधिक बढ़ाने पर भी बल दिया।
डॉ. जे. के. जेना, उप महानिदेशक (मात्स्यिकी) ने सुझाव दिया कि कृषि विज्ञान केन्द्र, इडुक्की द्वारा मात्स्यिकी उत्पादन बढ़ाने और उसके मूल्यवर्धन के लिए सीएमएफआरआई और सीआईएफटी, एरनाकुलम जैसे परिषद के संस्थानों से मात्स्यिकी विशेषज्ञों की सेवा का उपयोग करना चाहिए।
श्रीमती दीनम्मा कुरियाकोस, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र ने इस कार्यक्रम में आने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा बेंगलुरू से आए सभी अतिथिगणों का आभार व्यक्त किया और कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों और इडुक्की जिले के कृषि परिदृश्य में इसके प्रभावों पर संक्षिप्त जानकारी दी।
इससे पूर्व, डॉ. श्रीनाथ दीक्षित, निदेशक, अटारी, बेंगलुरू ने अपने प्रारंभिक संबोधन में किसानों के लिए इस बैठक की महत्ता बताई और कहा कि किस प्रकार किसान अपनी समस्याओं का समाधान वैज्ञानिक-किसान भागीदारी मोड में कृषि विज्ञान केन्द्र की सहायता से कर सकते हैं।
इस अवसर पर पादप संरक्षण, पशु पालन तथा मृदा विज्ञान में विभिन्न वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों पर मलयालम भाषा में ब्राउशर जारी किए गए।
इस इन्टरफेस बैठक में इडुक्की जिले के विभिन्न स्थानों के लगभग 243 किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप- कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), बेंगलुरू)
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