सीआईएफई-तिलाग्रो का विमोचन तथा व्यवसायीकरण: तिलापिया संस्कृति के लिए एक विशेष ग्रो-आउट फ़ीड

सीआईएफई-तिलाग्रो का विमोचन तथा व्यवसायीकरण: तिलापिया संस्कृति के लिए एक विशेष ग्रो-आउट फ़ीड

6 जून, 2025, मुंबई

सीआईएफई-तिलाग्रो नामक तिलापिया (गिफ्ट किस्म) के लिए पोषण संबंधी संतुलित तथा लागत प्रभावी ग्रो-आउट फ़ीड को आज भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान के 65वें स्थापना दिवस के अवसर पर आधिकारिक रूप से जारी किया गया। इसका शुभारंभ महाराष्ट्र सरकार के पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन सचिव, डॉ. रामास्वामी एन. तथा भाकृअनुप-सीआईएफई, मुंबई के पूर्व निदेशक, डॉ. दिलीप कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।

इसके वाणिज्यिक रोलआउट की सुविधा के लिए, भाकृअनुप-सीआईएफई के कार्यवाहक निदेशक, डॉ. एन.पी. साहू और एम.एम. फिश सीड कल्टीवेशन (पी) लिमिटेड, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि, श्री सुकदेब मंडल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किया गया। यह समझौता तीन वर्षों की अवधि के लिए गैर-अनन्य व्यवसायीकरण अधिकार प्रदान करता है।

Release and Commercialization of CIFE-TilaGrow: A Specialized Grow-Out Feed for Tilapia Culture

सीआईएफई-तिलाग्रो को डॉ. परिमल सरदार, डॉ. एन.पी. साहू, डॉ. शमना एन., डॉ. टिंसी वर्गीस, डॉ. सुब्रत दासगुप्ता और डॉ. के.एन. मोहंता सहित वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा विकसित किया गया है। यह सूत्रीकरण आवश्यक अमीनो एसिड, खनिजों तथा न्यूट्रास्यूटिकल्स से समृद्ध है जिसका उद्देश्य तिलापिया के विकास प्रदर्शन और प्रतिरक्षा को बढ़ाना है।

भारत भर में तिलापिया खेती के तेजी से विस्तार के साथ, सीआईएफई-तिलाग्रो के समय पर विमोचन और व्यवसायीकरण से उत्पादन और उत्पादकता में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है, जो देश भर के मछली किसानों के लिए एक मूल्यवान तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करता है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई)

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