25 जुलाई, 2025, भरतपुर
भाकृअनुप-भारतीय रेपसीड-सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग रिमॉडल (स्टार) सोसायटी, जयपुर ने संयुक्त रूप से आज राजस्थान के विभिन्न हितधारकों अर्थात स्टार्टअप्स, नवोदित उद्यमियों, एफपीओ, एसएचजी, किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए कृषि-व्यवसाय जागरूकता: खाद्य तेलों में गुणवत्ता नियंत्रण और मानकों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
डॉ. वी.वी. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईआरएमआर ने खाद्य श्रृंखला में खाद्य तेलों के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल ऊर्जा, आवश्यक फैटी एसिड के प्रमुख स्रोत के रूप में काम कर रहा है और मानव पोषण के लिए महत्वपूर्ण है तथा खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल्स आदि सहित विभिन्न उद्योगों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

खाद्य तेलों का उत्पादन और व्यापार, दोनों ही दृष्टि से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने, उत्पाद की स्थिरता बनाए रखने और नियामक मानकों को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों में गुणवत्ता नियंत्रण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला के अंतर्गत कृषक उत्पादक संगठन, संबंधित विभागों आदि सहित 10 से अधिक संगठनों के अधिकारियों/वैज्ञानिकों/सीईओ/अध्यक्षों/सचिव/प्रगतिशील किसानों/इन्क्यूबेटी सहित 50 से अधिक हितधारकों ने लाभ उठाया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय रेपसीड-सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर)
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