केवीके (सीआईएसएच), मालदा ने जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के तहत इंटरनेशनल महिला मत्स्य पालक दिवस का किया आयोजन

केवीके (सीआईएसएच), मालदा ने जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के तहत इंटरनेशनल महिला मत्स्य पालक दिवस का किया आयोजन

5 नवंबर, 2025, मालदा

मछली पालन में आदिवासी महिलाओं की ताकत, लचीलेपन तथा इसके योगदान के जश्न में, भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल के तहत कृषि विज्ञान केंद्र (सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर), मालदा ने 5 नवंबर 2025 को हबीबपुर ब्लॉक के लालपुर बोदरा गांव में इंटरनेशनल महिला मछुआरा दिवस मनाया। यह इलाका ज्यादातर आदिवासी समुदायों का है। यह प्रोग्राम जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा सेलिब्रेशन का हिस्सा था और इसका मकसद ज्ञान शेयरिंग और आजीविका से जुड़े कामों के जरिए उन्हें मज़बूत बनाते हुए सस्टेनेबल मछली पालन में आदिवासी महिलाओं की अहम भूमिका को पहचानना था।

KVK (CISH), Malda Celebrates International Women Fishers Day under Janjatiya Gaurav Varsh Pakhwara

डॉ. प्रदीप डे, डायरेक्टर, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने पार्टिसिपेंट्स को वर्चुअली संबोधित किया तथा मत्स्य पालन में लगी आदिवासी महिलाओं की नेतृत्व एवं लगन की तारीफ़ की। उन्होंने प्रकाश पर्व के साथ इंटरनेशनल महिला मत्स्य पालक दिवस मनाने के महत्व पर ध्यान दिया, जो ज्ञान को सच्ची रोशनी के रूप में दिखाता है जो समुदायों को टिकाऊपन और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है। डॉ. डे ने लैंगिक समानता तथा जलवायु-अनुकूल आजीविका को बढ़ावा देने हेतु किसान उत्पादक संगठनों (एपीओ) के ज़रिए मछली-आधारित आजीविका सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया।

एक्सपर्ट्स ने आदिवासी महिलाओं और मत्स्य पालक किसानों के साथ टिकाऊ जलजीव पालन, मछली के मार्केटिंग एवं आजीविका बढ़ाने से जुड़े विषयों पर बातचीत की।

KVK (CISH), Malda Celebrates International Women Fishers Day under Janjatiya Gaurav Varsh Pakhwara

इस कार्यक्रम में हबीबपुर के आलोकिनी एफपीओ के सीईओ के साथ कुल 25 किसान महिलाओं एवं 5 पुरुष किसानों ने हिस्सा लिया। चर्चा में मछली पालन में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान दिया गया तथा इनकम और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन, मूल्य संवर्धन एवं बेहतर मार्केट लिंकेज के जरिए उत्पादकता बढ़ाने के व्यवहारिक समाधान खोजा गया।

इस कार्यक्रम में केवीके मालदा के पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में कैपेसिटी बिल्डिंग, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और मत्स्य पालन एवं उससे जुड़े सेक्टर्स में जानकारी फैलाने के ज़रिए जैंडर समावेशन और समुदाय केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने के प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

×