28 नवंबर, 2025, भरतपुर, राजस्थान
भाकृअनुप–भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर, ने अधिक उपज देने वाली भारतीय सरसों की किस्म बीपीएम -11 की नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंसिंग के लिए कुरोंगी एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुवाहाटी, असम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओ) पर हस्ताक्षर किया।
बीपीएम -11 अपनी उच्च उपज क्षमता और बेहतर तेल सामग्री के लिए जानी जाती है और राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम एवं उत्तर पूर्वी पहाड़ी राज्यों सहित कई राज्यों में खेती के लिए इसकी सिफारिश की जाती है।

एमओए पर औपचारिक रूप से डॉ. विजय वीर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईआरएमआर तथा कुरोंगी एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री जिबोन केओट ने अपने-अपने संगठनों की ओर से हस्ताक्षर किया।
अपने संबोधन में, डॉ. विजय वीर सिंह ने बताया कि बीपीएम -11 के व्यवसायीकरण के लिए लाइसेंसिंग से सरसों की खेती का विस्तार करने में मदद मिलेगी, खासकर उत्तर-पूर्वी राज्यों के धान के खाली पड़े खेतों में, जिससे खाद्य तेल बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के भारत के व्यापक लक्ष्य में योगदान मिलेगा।
श्री जिबोन केओट ने सहयोगात्मक प्रयासों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, और खाद्य तेल आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय मिशन का समर्थन करने के लिए गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन और वितरण को बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया।
हस्ताक्षर समारोह के दौरान भाकृअनुप-आईआईआरएमआर और कुरोंगी एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी भी मौजूद थे।
(स्रोत: भाकृअनुप–भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर)







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