2 जनवरी, 2017, पटना
श्री एस.एस. अहलूवालिया, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री, भारत सरकार द्वारा पूर्वी क्षेत्र के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, पटना का दौरा किया गया।
श्री अहलूवालिया ने अपने संबोधन में वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे समयबद्ध तरीके से लक्ष्य केन्द्रित कर कार्य करें। पूर्वी राज्यों में दूसरी हरित क्रांति के प्रमुख संस्थान को उन्होंने सभी पूर्वी राज्यों में आर्थिक एवं पोषण स्थिति को ध्यान में रखकर संसाधनहीन किसानों के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने नीलगायों द्वारा फसल हानि पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अनुसंधान संस्थानों के दौरों द्वारा विद्यार्थियों को कृषि की ओर आकर्षित करना चाहिए।
मंत्री महोदय ने संस्थान द्वारा जारी अनुसंधान कार्यों में संलग्न वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की तथा पशुशालाओं तथा अनुसंधान खेतों के दौरे किये। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित एकीकृत खेती पद्धति मॉडल की सराहना की तथा इस बात पर जोर दिया कि पूर्वी राज्यों में किसान प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं जहां इस प्रकार का मॉडल वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने कम लागत वाले प्रोटीन की आपूर्ति के लिए स्नेल तथा ईमू पालन पर अनुसंधान प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. बी.पी. भट्ठ, निदेशक, आईसीएआर- आरईईआर ने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों तथा गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।
(स्रोतः पूर्वी क्षेत्र के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, पटना)
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