विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सुदूर सीमावर्ती गांवों में जागरूकता तथा बुवाई-पूर्व कार्यक्रम आयोजित

विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सुदूर सीमावर्ती गांवों में जागरूकता तथा बुवाई-पूर्व कार्यक्रम आयोजित

विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत, भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के वैज्ञानिकों ने भारत-चीन सीमा पर स्थित सुदूर हिमालयी गांवों नीति और गमशाली में प्रभावशाली जागरूकता तथा बुवाई-पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

ऊंचाई वाले आदिवासी क्षेत्रों में क्षमता निर्माण को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन की गई इस पहल का उद्देश्य बेहतर खेती के तरीकों को बढ़ावा देना और स्थानीय कृषि चुनौतियों का समाधान करना था।

भाकृअनुप-वीपीकेएएस के निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कांत ने इस बात पर जोर दिया कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और पहुंच से दूर सीमावर्ती क्षेत्रों के ऐसे गांवों तक पहुंच बनाना समावेशी कृषि विकास के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वैज्ञानिकों ने बगीचे में मटर की खेती पर बुवाई-पूर्व सत्र आयोजित किया, प्याज की पौध रोपण तकनीकों का प्रदर्शन किया और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों पर साहित्य वितरित किया। कार्यक्रम में 33 किसानों ने भाग लिया और अपर्याप्त मोबाइल कनेक्टिविटी, खेत की बाड़ लगाने की आवश्यकता और सरकारी योजनाओं तक सीमित पहुंच जैसी प्रमुख चिंताओं पर प्रकाश डाला।

गमशाली गांव में, इसी तरह के कार्यक्रम में 91 किसानों ने सक्रिय भागीदारी की। टीम ने सब्जी फसल प्रबंधन, कीट और रोग नियंत्रण में व्यावहारिक प्रदर्शन किए और महत्वपूर्ण कृषि इनपुट वितरित किए। किसानों ने गुणवत्ता वाले आलू के बीज, बाड़ लगाकर जंगली जानवरों से सुरक्षा और बेहतर सिंचाई सुविधाओं की अपनी आवश्यकताओं को व्यक्त किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

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