8 जून, 2025, बेंगलुरु
चल रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु का दौरा किया। इस दौरे में सरकार के "विकसित कृषि" के निर्माण के दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया, ताकि "समृद्ध किसान" के लक्ष्य को सुनिश्चित किया जा सके तथा भारत को दुनिया का फूड बास्केट के रूप में बदला जा सके।

500 से अधिक किसानों, वैज्ञानिकों तथा छात्रों की सभा को संबोधित करते हुए, मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने तथा राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्तंभों के रूप में टिकाऊ कृषि, प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार एवं मूल्य संवर्धन के महत्व पर जोर दिया।
औपचारिक कार्यक्रम से पहले, श्री चौहान ने ड्रैगन फ्रूट (कमलम) तथा टमाटर उगाने वाले प्रगतिशील किसानों के खेतों का दौरा किया और उच्च मूल्य वाली बागवानी में सफलता की कहानियाँ दिखाईं। उन्होंने संस्थान की नर्सरी का भी दौरा किया, जो हर साल लाखों गुणवत्ता वाली पौध सामग्री का उत्पादन और इसकी आपूर्ति किसानों को करती है।
मंत्री ने भाकृअनुप-आईआईएचआर द्वारा संचालित कृषि-व्यवसाय इनक्यूबेशन केन्द्र बेस्ट-हॉर्ट का भी दौरा किया। यह केन्द्र बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण एवं विपणन के लिए बुनियादी ढांचा, मशीनरी तथा तकनीकी सहायता प्रदान करके युवा उद्यमियों और सीमांत किसानों को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुख्य कार्यक्रम के दौरान, श्री चौहान ने भाकृअनुप संस्थानों द्वारा विकसित फलों, सब्जियों, फूलों और औषधीय पौधों की एक जीवंत प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने जैव सुरक्षा और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एक अत्याधुनिक जैव सुरक्षा प्रयोगशाला (स्तर-II) की आधारशिला भी रखी।
इस कार्यक्रम में बेंगलुरु स्थित भाकृअनुप के कई संस्थानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने नवीनतम तकनीकी नवाचारों और संस्थागत उपलब्धियों का प्रदर्शन किया। इन संस्थानों के निदेशक भी मौजूद थे और उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इस कार्यक्रम का समन्वयन भाकृअनुप-आईआईएचआर के निदेशक, डॉ. तुषार कांति बेहरा ने किया, जिसमें भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), डॉ. संजय कुमार सिंह, भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), डॉ. राघवेंद्र भट्टा, भाकृअनुप-अटारी, बेंगलुरु के निदेशक, डॉ. वेंकट सुब्रमण्यम तथा भाकृअनुप-आईआईएचआर के समर्पित कर्मचारियों और छात्रों का सहयोग रहा।
यह पहल कृषि और बागवानी क्षेत्रों में किसान-केन्द्रित अनुसंधान, नवाचार एवं समावेशी विकास के प्रति मंत्रालय की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु)
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