8 अगस्त, 2025, मुंबई
भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई ने आज मेसर्स गिनी सिल्क मिल्स लिमिटेड, बोइसर, महाराष्ट्र के 11 प्रबंधकीय कर्मचारियों के लिए "सूती वस्त्र, सहायक सामग्री, जल तथा अपशिष्ट जल की निरूपण तकनीक" पर एक दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के तकनीकी ज्ञान को सुदृढ़ करना और सूती वस्त्र, वस्त्र सहायक सामग्री, जल तथा अपशिष्ट जल के निरूपण तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। प्रशिक्षण सत्रों में राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रासायनिक परीक्षण विधियों पर चर्चा की गई, जिसमें गुणवत्ता नियंत्रण तथा वस्त्र परीक्षण में विशेषज्ञता में सुधार पर जोर दिया गया।

डॉ. एस.के. शुक्ला, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और अनुसंधान संस्थानों एवं वस्त्र उद्योग के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैज्ञानिक अनुसंधान को व्यावहारिक समाधानों में बदलने के लिए ऐसी सहयोगात्मक पहल ज़रूरी हैं, जो भारतीय वस्त्र क्षेत्र में गुणवत्ता संवर्धन तथा टिकाऊ प्रथाओं, दोनों का समर्थन करती हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई)
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