10–11 नवंबर, 2025, भुवनेश्वर
ओडिशा सरकार के कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित श्री अन्न और महिला किसान 2025 पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 10-11 नवंबर, 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय 'कृषि विरासत में महिलाओं की भूमिका और कृषि जैव विविधता का संरक्षण' था।
ओडिशा श्री अन्न अभियान के लिए टेक्निकल पार्टनर के तौर पर, भाकृअनुप–भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने एक बड़ी प्रदर्शनी के जरिए श्री अन्न-आधारित इनोवेशन दिखाए, जिसमें वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स, पारंपरिक बीज विविधता, प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, एसएचजी-संचालित उद्यम, एफपीओ पहल तथा स्टार्ट-अप इनोवेशन शामिल थे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान; ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी; ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति; और उप मुख्यमंत्री श्री कनक वर्धन सिंह देव तथा श्रीमती पार्वती परिदा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने स्टॉलों का दौरा किया और इनोवेशन, सामुदायिक भागीदारी और ओडिशा के श्री अन्न आंदोलन को आगे बढ़ाने में महिला किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उनकी उपस्थिति ने बाजरा के पीछे बढ़ते राष्ट्रीय गति को उजागर किया एवं बाजरा-आधारित विकास, पोषण सुरक्षा तथा जलवायु-लचीली कृषि में ओडिशा के नेतृत्व की पुष्टि की।
एक मुख्य आकर्षण "महर्षि (एक G20 परिणाम): श्री अन्न की वैल्यू चेन क्षमता का उपयोग" पर टेक्निकल सेशन था, जिसे महर्षि सचिवालय ने संगोष्ठी के सहयोग से आयोजित किया था।

डॉ. सी. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और जाने-माने वैश्विक विशेषज्ञों ने श्री अन्न वैल्यू चेन को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया, जिसमें सहयोगात्मक, पूरे समाज के दृष्टिकोण पर जोर दिया गया। पैनल ने जलवायु-लचीले, कम इनपुट वाली कृषि प्रणालियों को आगे बढ़ाते हुए, श्री अन्न प्रसंस्करण एवं श्री अन्न विकास में महिला उद्यमियों को सबसे आगे रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। चर्चाओं में पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ मिलाने, समुदाय-आधारित जैव विविधता संरक्षण, महिलाओं द्वारा संचालित नवाचार एवं बायोहैप्पीनेस की अवधारणा को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। सत्र का समापन ग्रामीण रोजगार पैदा करने, आय बढ़ाने, फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देने हेतु विकेन्द्रीकृत, मूल्यवर्धित कृषि प्रणालियों की स्थापना के आह्वान के साथ हुआ।
सिम्पोज़ियम के दौरान कई प्रकाशन जारी किया गया, जिनमें मिलेट फाउंडेशन गाइड, बीज प्रणालियों पर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, महिला-केन्द्रित एर्गोनोमिक टेस्टिंग पर एसओपी, और श्री अन्न अभियान से सफलता की कहानियों का एक संग्रह शामिल है। भाकृअनुप-आईआईएमआर के श्री अन्न प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में, ओडिशा की बाजरा मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में सहायता के लिए "2047 तक ओडिशा में बाजरा का परिदृश्य: आत्मनिर्भर भारत की ओर खाद्य सुरक्षा, किसानों की आय एवं जलवायु लचीलेपन को मजबूत करना" शीर्षक वाला एक नीति पत्र जारी किया गया।

समापन सत्र में ओडिशा के माननीय राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति; माननीय उपमुख्यमंत्री (महिला एवं बाल विकास, मिशन शक्ति और पर्यटन) श्रीमती प्रवती परिदा; और उपमुख्यमंत्री (कृषि एवं किसान सशक्तिकरण एवं ऊर्जा) श्री कनक वर्धन सिंह देव उपस्थित थे। गणमान्य व्यक्तियों ने महिला किसानों को सशक्त बनाने और बेहतर पोषण, जलवायु लचीलेपन और जैव विविधता संरक्षण के लिए श्री अन्न को मुख्यधारा में लाने में ओडिशा के नेतृत्व की सराहना की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, राजेन्द्रनगर, हैदराबाद)







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