केवीके नारायणगाँव और सीबीआरटीआई, पुणे ने की सामाजिक शुरुआत - ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मधु शक्ति परियोजना

केवीके नारायणगाँव और सीबीआरटीआई, पुणे ने की सामाजिक शुरुआत - ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मधु शक्ति परियोजना

14 अगस्त 2019, पुणे

कृषि विज्ञान केंद्र, नारायणगाँव और केंद्रीय मधुमक्खी पालन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, पुणे ने 14 अगस्त, 2019 को मधु शक्ति – मधुमक्खी पालन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित एक परियोजना – की शुरूआत की। इस परियोजना को बी पॉजिटिव और पीएचडी- ग्रामीण विकास फाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा वित्तीय सहायता दी जा रही है।

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डॉ. अशोक दलवई, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय वर्षा क्षेत्र प्राधिकरण, नई दिल्ली ने बतौर मुख्य अतिथि परियोजना के 100 महिला लाभार्थियों को मधुमक्खी पालन किट भेंट करके पहल की शुरुआत की। डॉ. दलवई ने कहा कि मधुमक्खी पालन और शहद से निर्मित मूल्य वर्धित उत्पाद किसानों की आय को दोगुना करने के मुख्य घटकों में एक है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा  मधुमक्षिशाला को अपनाकर मीठी क्रांति के निर्माण पर ध्यान देने का उल्लेख किया।

डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे ने मधुमक्खी पालन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक महिला उद्यमी का उदाहरण दिया, जिसने 35 मधुमक्खी के बक्सों के साथ शुद्ध आय के रूप में एक वर्ष में लगभग 3 लाख रुपए कमाए। डॉ. लाखन ने प्रत्येक केवीके में मधुमक्खी पालन इकाईयों की स्थापना का आश्वासन दिया। उन्होंने ग्रामीण युवाओं में मधुमक्खी पालन के लिए क्षमता निर्माण, उद्यमशीलता की प्रेरणा और जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया।

डॉ. लक्ष्मी राव, सहायक निदेशक, सीबीआरटीआई, पुणे ने मधुमक्खी पराग और रॉयल जेली इत्यादि जैसे उच्च मूल्य वाले मधुमक्खी उत्पादों की कटाई पर महिलाओं को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। इससे उन्हें अच्छा परिणाम मिल सकता है। उन्होंने सीबीआरटीआई की विशेष रॉयल जेली प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में भी बताया जो कि महिला समूहों द्वारा उपयोग की जा सकती है।

केवीके, नारायणगाँव में जून में आयोजित एक जागरूक कार्यशाला में लगभग 300 महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला के बाद इनमें से सौ महिलाओं को मधु शक्ति परियोजना के लिए नामांकित किया गया। अब उन्हें 19 अगस्त से 30 अगस्त, 2019 तक केवीके, नारायणगाँव में प्रमाणित मधुमक्खी पालक के रूप में प्रमाणित करने के लिए कक्षा और व्यावहारिक सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)

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