8 जून, 2025, अटारी, पटना
विकसित कृषि संकल्प अभियान' के अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में अभियान के ग्यारहवें दिन बिहार एवं झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यक्रमों का सफल आयोजन वैज्ञानिक ऊर्जा, संस्थागत सहयोग और किसानों की उत्साही भागीदारी के साथ किया गया
इस दौरान वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों एवं अधिकारियों की टीमों ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया। किसानों को उन्नत, वैज्ञानिक एवं टिकाऊ कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई। साथ ही, किसानों ने भी अपनी जमीनी समस्याएँ खुलकर साझा कीं, उसका समाधान मौके पर ही सुझाए गए।
कृषि विज्ञान केन्द्र, हरनौत, नालंदा में एक विशेष कार्यक्रम के माध्यम से केद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री रामनाथ ठाकुर ने इस अभियान में शिरकत किया। उन्होंने स्थानीय किसानों के खेतों का भ्रमण किया, साथ ही खेती से जुड़ी समस्याओं पर किसानों से सीधा संवाद किया। श्री ठाकुर ने आश्वासन दिया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों को सशक्त बनाने हेतु हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे उच्च उत्पादकता वाली सब्जियों, कम अवधि की मोटे अनाज (श्री अन्न) की किस्में, प्राकृतिक खेती जैसी नवीन तकनीकों को अपनाएँ। मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालयों का भ्रमण करें और टिकाऊ कृषि हेतु इनसे लाभ प्राप्त करें। इस अवसर पर पौधारोपण भी किया गया।
कार्यक्रम में श्री कौशलेन्द्र कुमार, लोकसभा सांसद, नालंदा; श्री श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार; डॉ. डी.आर. सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर; डॉ. अनुप दास, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना; डॉ. अमरेन्द्र कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, अटारी, पटना; डॉ. आर.एन. सिंह, सह निदेशक (प्रसार शिक्षा), बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एवं बिहार सरकार के कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
बिहार कृषि रोड मैप, जलवायु अनुकूल कृषि, भारत सरकार एवं बिहार सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं पर ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार के मंत्री द्वारा विशेष बल दिया गया।
कुलपति, सबौर ने किसानों से अनुरोध किया कि वे विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित 22 कृषि विज्ञान केंद्रों से सहायता लें।
इस अवसर पर कई किसानों ने श्री अन्न से खाद्य पदार्थों की तैयारी में भाग लिया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम के दौरान उन्नत किस्में, बागवानी खेती, प्राकृतिक खेती, कृषि आधारित उद्योग, जीआई टैग प्राप्त फसलों आदि को भी प्रमुखता से बताया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया, जिसमें लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ थीं। खरीफ फसलों के उन्नत उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा इस अभियान का समन्वयन किया जा रहा है। दोनों संस्थानों के नेतृत्व में सभी सहभागी संस्थानों की टीमें गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही हैं।
(स्रोतः भाकृअनुप-अटारी जोन- IV, पटना)
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