18 जून, 2025, महाराष्ट्र
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, ओल्ड गोवा ने आज महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के कुडल तालुका के नेरूर गांव में अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) के तहत किसान-वैज्ञानिक इंटरफेस, इनपुट वितरण और पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ज्ञान साझाकरण, इनपुट सहायता और पशु स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से अनुसूचित जाति के किसानों के बीच टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना और उत्पादकता बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम में 22 अनुसूचित जाति के किसानों (13 पुरुष और 9 महिलाएँ) की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें क्षमता निर्माण और महत्वपूर्ण कृषि इनपुट के प्रसार पर ध्यान केन्द्रित किया गया। किसानों को भाकृअनुप-सीसीएआरआई द्वारा विकसित नवीन, पर्यावरण के अनुकूल तथा क्षेत्र-विशिष्ट तकनीकों से परिचित कराया गया, जिसका उद्देश्य खेत प्रबंधन, तकनीकी ज्ञान एवं आजीविका के अवसरों में सुधार करना है। कार्यक्रम के दौरान भाकृअनुप-सीसीएआरआई के वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित की गई।

इनपुट वितरण के हिस्से के रूप में, किसानों को फॉस्फो ऊर्जा (पीआरओएम), पारंपरिक कृषि उपकरण (फवड़ा, पिका, कोगेट, दरांती, घमेला), नारियल और सुपारी के पौधे, वर्मीकम्पोस्ट, कीट जाल और पशु स्वास्थ्य दवाओं सहित विभिन्न संसाधन प्राप्त हुए।
पशु स्वास्थ्य शिविर के दौरान, कुल 24 भैंसों और 46 मुर्गियों की जांच और उपचार किया गया। किसानों को सामान्य पशुधन बीमारियों के प्रबंधन और पशु स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के बारे में मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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