29 सितंबर, 2025, बेंगलुरु
भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु ने अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एक सतत शोध परियोजना की वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (एसएसआर) गतिविधि के अंतर्गत 29-30 सितंबर, 2025 को 'सफेद मक्खियों और उनके संबद्ध प्राकृतिक शत्रुओं की पहचान के लिए एकीकृत वर्गीकरण दृष्टिकोण' पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

डॉ. एस.एन. सुशील, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएआईआर, ने डॉ. आर. सुंदरराज, पूर्व वैज्ञानिक-जी, काष्ठ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन किया।
अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. सुशील ने आक्रामक सफेद मक्खियों पर शोध में हुई हालिया प्रगति और उनकी पहचान एवं प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण उभरती नैदानिक तकनीकों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के तकनीकी सत्रों का आयोजन प्रतिभागियों को कीट वर्गीकरण के शास्त्रीय एवं आणविक दोनों दृष्टिकोणों पर व्यापक व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया गया था। प्रमुख विषयों में शामिल थे:
• सफेद मक्खियों तथा उनके परजीवियों का संग्रह एवं संरक्षण
• नमूना माउंटिंग के लिए स्थायी स्लाइड तैयार करना
• सफेद मक्खियों और परजीवियों की रूपात्मक पहचान
• जीन प्रवर्धन के लिए डीएनए पृथक्करण तथा पीसीआर/जेल वैद्युतकणसंचलन
• आणविक उपकरणों का उपयोग करके प्रजातियों की पुष्टि और जातिवृंत विश्लेषण के लिए सैंगर अनुक्रमों का संपादन
प्रतिभागियों को नवीन आणविक निदान परीक्षणों से भी परिचित कराया गया, जिनमें प्रजाति-विशिष्ट मार्कर तथा समतापी प्रवर्धन तकनीकें जैसे कि एलएएमपी, आरपीए, एचडीए, और क्रिस्पर-कैस शामिल हैं, जो सफेद मक्खियों और उनके प्राकृतिक शत्रुओं की सटीक पहचान के लिए उपयोगी हैं।

कार्यशाला में भारत भर के 10 राज्यों के भाकृअनुप संस्थानों, राज्य एवं केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालयों, मानद विश्वविद्यालयों तथा अन्य यूजीसी-मान्यता प्राप्त संस्थानों सहित 24 संगठनों के 33 शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (एएनआरएफ), नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषण सहायता के लिए आभार व्यक्त करने के साथ हुआ।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु)
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