8 जून, 2025, कार निकोबार
दो महत्वपूर्ण कारणों के एक अनूठे अभिसरण में, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के तहत भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, निकोबार ने आज कार निकोबार के पेरका गांव में विकसित कृषि संकल्प अभियान और विश्व महासागर दिवस 2025 मनाया। इस कार्यक्रम में तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों में महासागर स्वास्थ्य एवं कृषि स्थिरता के बीच अंतर्निहित संबंध पर प्रकाश डाला गया।
भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने अपने वर्चुअल संबोधन में वीकेएसए की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने निकोबार जैसे नाजुक तटीय क्षेत्रों में पर्यावरण के अनुकूल कृषि और मत्स्य पालन प्रथाओं की वकालत की और समुद्र के अम्लीकरण और प्लास्टिक प्रदूषण जैसे खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया। डॉ. डे ने सतत विकास लक्ष्य 14 की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि महासागर संरक्षण पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए मौलिक है।

भूमि और समुद्र को एक करना: विकसित कृषि संकल्प अभियान और विश्व महासागर दिवस निकोबार में सतत भविष्य को बढ़ावा देते हैं श्री पॉल डेविड, कैप्टन, पेरका गांव तथा मुख्य अतिथि ने ग्रामीणों से सरकारी योजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने और पर्यावरण एवं महासागर संरक्षण में सामूहिक रूप से योगदान करने का आग्रह किया, इसे एक साझा जिम्मेदारी के रूप में मान्यता दी।
इस कार्यक्रम में समुदाय द्वारा संचालित वृक्षारोपण अभियान शामिल था, जहाँ देशी और फलदार पौधे हरित भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के रूप में लगाए गए थे। इसके बाद पेरका तटरेखा के साथ समुद्र तट की सफाई अभियान चलाया गया, जो स्वच्छ महासागरों के लिए सामूहिक नेतृत्व का प्रतीक था। इस पहल ने तटीय स्थिरता के लिए एकीकृत प्रयास में किसानों, युवाओं और अधिकारियों को एक साथ लाया।
130 उत्साही किसानों की भागीदारी के साथ, वीकेएसए तथा विश्व महासागर दिवस के संयुक्त पालन ने सतत विकास के संदेश को बढ़ाया और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भूमि और समुद्र दोनों को संरक्षित करने के लिए समुदाय की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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