9 दिसम्बर, 2025, अल्मोड़ा
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ वंदे मातरम गीत तदुपरान्त परिषद गीत से किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता, श्रीमती मीता उपाध्याय, सुधा संगठन की सलाहकार एवं संरक्षक, महिला कल्याण संस्था, अल्मोड़ा, रहीं।
डॉ. लक्ष्मी कान्त, निदेशक, वीपीकेएएस, ने श्रीमती उपाध्याय का स्वागत करते हुए सभी को इस कार्यशाला के उद्देश्य एवं रूपरेखा से परिचित कराया। उन्होंने कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं गरिमा बनाए रखने के कार्य को संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बताया। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम एक महत्वपूर्ण विषय है जिसके बारे में पुरूष एवं महिला दोनों को जानकारी होनी चाहिए। डॉ. कान्त ने कहा कि कार्यस्थल पर ही नहीं अपितु हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में भी यदि हम इस विषय पर जागरूक रहेंगे तो वास्तविक रूप में अपने समाज के स्तर को सुधारने में सफल होंगे।
श्रीमती उपाध्याय ने प्रतिभागियों को कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न कानून, लैंगिक समानता एवं लैंगिक संवेदनशीलता जैसे मुद्दे के बारे में अत्यन्त रोचक तरीके से जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (पीओएसएच एक्ट, 2013) से संबंधित प्रावधानों, आंतरिक शिकायत समिति की भूमिका, कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के उपायों तथा संवेदनशीलता-आधारित व्यवहार से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। मुख्य वक्ता ने वास्तविक उदाहरणों, केस-स्टडीज़ तथा सहभागिता-आधारित गतिविधियों के माध्यम से कर्मचारियों को जागरूक करते हुए कार्यस्थल पर सम्मानजनक, सुरक्षित एवं समावेशी माहौल बनाए रखने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
कार्यशाला में, डॉ. निर्मल कुमार हेडाऊ तथा डॉ. कृष्ण कान्त मिश्रा, प्रभागाध्यक्ष, फसल सुरक्षा प्रभाग, वीपीकेएएस, डॉ. अनुराधा भारतीय, अध्यक्षा, आंतरिक समिति, डॉ. कुशाग्रा जोशी, अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ, के अतिरिक्त आंतरिक समिति एवं महिला प्रकोष्ठ के सदस्य, समस्त वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रशासनिक एवं कुशल सहायक वर्ग के कार्मिकों के साथ-साथ संस्थान में कार्यरत दैनिक श्रमिकों सहित कुल 155 प्रतिभागी उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में संस्थान के कृषि विज्ञान केन्द्र चिन्यालीसौड़ एवं बागेश्वर के सभी कार्मिक भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।
कार्यशाला का समन्वयन डॉ. अनुराधा भारतीय एवं डॉ. कुशाग्रा जोशी द्वारा तथा संचालन श्रीमती निधि सिंह एवं धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. निर्मल कुमार हेडाऊ द्वारा किया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)







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