भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा में हिन्‍दी पखवाड़ा उत्सव का समापन

भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा में हिन्‍दी पखवाड़ा उत्सव का समापन

30 सितम्बर, 2025, अल्मोड़ा

भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस), अल्मोड़ा में आज हिन्दी पखवाड़ा (14-30 सितम्‍बर) का समापन समारोह अत्यंत उत्साह एवं गरिमामयी वातावरण में परिषद गीत के साथ किया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित, डॉ. महेश बवाड़ी, सम्‍मानीय लेखक एवं कवि, ने इस अवसर पर अपने व्‍याख्‍यान के विषय “हिन्दी का अतीत एवं वर्तमान परिदृश्‍य” को अत्‍यन्‍त रोचक तरीके से सभी श्रोताओं के मध्‍य रखा। उन्‍होंने अपने वक्‍तव्‍य का आरम्‍भ स्‍वरचित कविता “शबरी के बेर” से करते हुए कहा कि हमारे देश को स्‍वतंत्रता काफी लम्‍बे समय के बाद मिली। हिन्‍दी की प्रगति में स्‍वतंत्रता आंदोलन के अग्रदूत महात्‍मा गांधी, सुभाष चन्‍द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक एवं श्री सी. गोपालाचारी का अभूतपूर्ण योगदान है। मुख्‍य वक्‍ता के अनुसार समाज को जागरूक एवं प्रगति के पथ पर ले जाने का कार्य वास्‍तव में हिन्‍दी ही कर सकती है। डॉ. बवाड़ी ने सभी श्रोताओं को हिन्‍दी दिवस के ऐतिहासिक परिपेक्ष्‍य से अवगत कराते हुए कहा कि प्रारम्‍भिक शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा की यदि हिन्‍दी के साथ-साथ लोकभाषा को समाहित कर, हिन्‍दी की सहजता एवं सरलता पर बल दिया जाय तो वास्‍तव में हिन्‍दी के विकास में उतरोत्‍तर वृद्धि होगी।

     

समापन समारोह की अध्यक्षता, डॉ. लक्ष्‍मी कान्‍त, निदेशक, वीपीकेएएस, ने हिन्‍दी पखवाड़ा उत्‍सव के समापन की सभी को बधाई दी। उन्‍होंने हिन्‍दी के सरलीकरण पर बल देते हुए कहा कि हमें आवश्‍यकता है कि हिन्‍दी को आगे बढ़ाने हेतु हम ऐसे लेखकों को आमंत्रित करें जो हिन्‍दी एवं वैज्ञानिक शब्‍दावली को सरल एवं सहज भाषा में लिख सके। डॉ. कान्‍त ने संसदीय समिति द्वारा संस्‍थान के निरीक्षण को सभी मानकों पर खरा उतरने हेतु हर्ष व्‍यक्‍त किया। साथ ही संस्‍थान द्वारा राजभाषा हिन्‍दी के संवर्धन एवं प्रगति हेतु किए गए कार्यों का उल्‍लेख भी किया। निदेशक ने कहा कि हिन्‍दी का प्रसार तो हुआ है लेकिन अभी भी इसकी प्रगति एक चिन्‍तनीय विषय है।

इससे पूर्व, डॉ. निर्मल कुमार हेडाउ, प्रभागाध्‍यक्ष फसल सुधार, ने सभी अतिथियों एवं मंचासीन गणमान्‍यों का स्‍वागत करते हुए कहा कि संस्‍थान में आयोजित हिन्‍दी पखवाड़ा उत्‍सव एक अच्‍छा अवसर है जिसमें वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कार्मिक अपनी हिन्‍दी की प्रतिभा को दर्शा सकते है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए, श्रीमती रेनू सनवाल, प्रभारी अधिकारी (राजभाषा), ने संस्‍थान के विभिन्‍न कार्यों में हिन्‍दी के प्रयोग पर संक्षिप्‍त प्रस्‍तुतिकरण दिया। उन्‍होंने कहा कि हिन्‍दी पखवाड़ा उत्‍सव के दौरान टंकण प्रतियोगिता, निबन्‍ध लेखन प्रतियोगिता, हिन्‍दी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन, हिन्‍दी स्‍वरचित काव्य पाठ, आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें संस्‍थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस समापन समारोह में अव्‍वल वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कार्मिकों, नामत: डॉ. प्रकाश चन्‍द्र घासल, डॉ. प्रताप दिवेकर, डॉ. प्रियंका खाती, ई. दिनेश चन्‍द्र मिश्र, श्री वरूण सुप्‍याल, श्री चारू चन्‍द्र जोशी, श्रीमती निधि सिंह, श्री मनोज भट्ट, श्री शीतल कुमार शर्मा, श्री सचिन कुमार पाण्‍डे, श्री आनन्‍द सिंह, श्री अजीत बिष्‍ट, श्री देवेन्‍द्र सिंह कार्की, श्री अभिनव सिंह, श्री नन्‍दन सिंह रजवार, श्री दीपक कुमार एवं श्री हरीश चन्‍द्र पाण्‍डे को पुरस्कृत किया गया।

डॉ. प्रियंका खाती द्वारा धन्‍यवाद प्रस्‍ताव ज्ञापित किया गया।

(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा)

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