भाकृअनुप वैज्ञानिकों तथा केवीके विशेषज्ञों के लिए एनएबीएल मान्यता संबंधित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

भाकृअनुप वैज्ञानिकों तथा केवीके विशेषज्ञों के लिए एनएबीएल मान्यता संबंधित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

16 दिसंबर, 2025, बेंगलुरु

भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशुरोग महामारी विज्ञान एवं सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल), बेंगलुरु, के सहयोग से आज एनएबीएल मान्यता पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया। यह कार्यक्रम भाकृअनुप संस्थानों के वैज्ञानिकों तथा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (यूएएस), बेंगलुरु, के कृषि विज्ञान केन्द्रों के विषय विशेषज्ञ (एसएमएस) के लिए आयोजित किया गया था।

डॉ. बलदेव आर. गुलाटी, निदेशक, भाकृअनुप-निवेदी ने एनएबीएल की दिशा में निवेदी की यात्रा से मूल्यवान जानकारी साझा की और बताया कि कैसे गुणवत्ता मान्यता ने बाद में विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच) द्वारा संस्थान की प्रयोगशाला को मान्यता दिलाने में मदद की। उन्होंने राष्ट्रीय रोग निगरानी, निदान तथा वैश्विक विश्वसनीयता को मजबूत करने में मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के महत्व पर जोर दिया।

NABL Accreditation Awareness Programme Organised for ICAR Scientists and KVK Experts

वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रयोगशाला परीक्षण और अंशांकन सेवाओं की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति सुनिश्चित करने में एनएबीएल मान्यता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

श्री कृष्णराज, प्रबंधक, एनएबीएल ने देश में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) और एनएबीएल ढांचे का अवलोकन प्रस्तुत किया। इसके बाद श्री अभिषेक, सहायक प्रबंधक, एनएबीएलृ, और श्री संतोष, समन्वयक, एनएबीएल ने विस्तृत तकनीकी प्रस्तुतियाँ दीं, जिसमें उन्होंने मान्यता प्रक्रिया, आवश्यकताओं और कार्यान्वयन रणनीतियों के बारे में बताया। डॉ. (श्रीमती) सौदामिनी मोहपात्रा, एनएबीएल मूल्यांकनकर्ता ने एनएबीएल दस्तावेजीकरण प्रारूपों, मूल्यांकन प्रक्रियाओं, शुल्क संरचना तथा अन्य परिचालन पहलुओं पर एक गहन सत्र प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें आकर्षक चर्चाएं हुई तथा एक व्यापक प्रश्न-उत्तर सत्र हुआ जिसमें मान्यता के इच्छुक प्रयोगशालाओं द्वारा सामना की जाने वाली व्यावहारिक चुनौतियों का समाधान किया गया। कार्यक्रम में कुल 24 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशुरोग महामारी विज्ञान एवं सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)

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