भाकृअनुप-सीआईएफटी के शोधकर्ताओं ने भारत में पहली बार ड्रोन का उपयोग करके हंपबैक डॉल्फिन के दुर्लभ मैथुन व्यवहार को किया कैद

भाकृअनुप-सीआईएफटी के शोधकर्ताओं ने भारत में पहली बार ड्रोन का उपयोग करके हंपबैक डॉल्फिन के दुर्लभ मैथुन व्यवहार को किया कैद

7 अगस्त, 2025, कोच्चि

भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि के शोधकर्ताओं की एक टीम ने ड्रोन तकनीकी का उपयोग करके हिंद महासागर हंपबैक डॉल्फिन (सोसा प्लंबिया) के मैथुन व्यवहार का सफलतापूर्वक दस्तावेजीकरण किया, जो भारत में अपनी तरह की पहली उपलब्धि है। कोच्चि के तट पर 2024-2025 के दौरान किए गए इस अध्ययन में ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण शामिल थे, जिसके परिणामस्वरूप चार डॉल्फिनों के एक समूह का अवलोकन किया गया। टीम ने प्रणय निवेदन तथा मैथुन व्यवहार को प्रदर्शित करते हुए तीन मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जो देश में समुद्री स्तनपायी व्यवहार अनुसंधान में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

ICAR-CIFT Researchers Capture Rare Mating Behavior of Humpback Dolphins Using Drone for the First Time in India

डॉ. जॉर्ज निनान, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफटी ने कहा कि ड्रोन फुटेज इन दुर्लभ सीतासियों के प्रजनन और सामाजिक व्यवहार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है तथा भविष्य में संरक्षण-केन्द्रित अध्ययनों के लिए सहायक होगा। उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन-आधारित अवलोकन, समुद्री स्तनधारियों के व्यवहार को प्रभावित किए बिना उनके प्राकृतिक आवास में उनके बारे में सटीक आँकड़े एकत्र करने का एक गैर-दखलंदाज़ी तरीका प्रदान करता है।

इस वीडियो में, जिसमें लगभग 24 से 29 सेकंड तक चलने वाली दृश्यमान मैथुन गतिविधि शामिल है, विशिष्ट पूर्व-मैथुन व्यवहारों का भी पता चला। शोधकर्ताओं ने हंपबैक डॉल्फिन के संभोग से जुड़े विशिष्ट गोलाकार तैराकी पैटर्न का अवलोकन किया और पहली बार पूरे संभोग चक्र को फिल्म में कैद किया। भारत में, हंपबैक डॉल्फ़िन (जिसे स्थानीय रूप से पांडन पन्नी के नाम से जाना जाता है) सहित सभी समुद्री स्तनधारी, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित है। अस्तित्व के लिए निरंतर खतरों के कारण इस प्रजाति को आईयूसीएन की लाल सूची में "लुप्तप्राय" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

ICAR-CIFT Researchers Capture Rare Mating Behavior of Humpback Dolphins Using Drone for the First Time in India

यह दस्तावेज़ीकरण प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत संचालित एक राष्ट्रीय परियोजना का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य भारतीय जल क्षेत्र में समुद्री स्तनपायी आबादी पर आधारभूत आँकड़े एकत्र करना था।

ये निष्कर्ष अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "रीजनल स्टडीज़ इन मरीन साइंस" में प्रकाशित हुए हैं और एशिया में हंपबैक डॉल्फिन के संभोग व्यवहार का पहला वीडियो दस्तावेज़ीकरण है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि)

×