भाकृअनुप-निवेदी ने बेंगलुरु में मैत्री 2.0 प्रतिनिधियों मेजबानी की

भाकृअनुप-निवेदी ने बेंगलुरु में मैत्री 2.0 प्रतिनिधियों मेजबानी की

29 सितंबर, 2025, बेंगलुरु

भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान ने अपने एनएए-वीआईसी (NaaViC) कृषि-व्यवसाय इनक्यूबेशन केन्द्र के माध्यम से, बेंगलुरु में मैत्री 2.0: भारत-ब्राजील सीमा पार कृषि-तकनीक इनक्यूबेटर कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए ब्राज़ीलियाई प्रतिनिधियों की मेजबानी की, जो दो प्रमुख कृषि अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ब्राज़ीलियाई प्रतिनिधियों में डॉ. कार्लोस नबील घोब्रिल, डॉ. हैमिल्टन हम्बर्टो रामोस, डॉ. एना यूजेनिया, डॉ. प्रिसिला रोचा सिल्वा फगुंडेस, श्री सर्जियो टूटुई तथा श्री एंजेलो मौरिसियो आदि शामिल थे।

ICAR-NIVEDI Hosts Maitri 2.0 Delegates in Bengaluru

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, डॉ. बलदेव आर. गुलाटी, निदेशक, भाकृअनुप-निवेदी, ने उन्नत जैव-प्रौद्योगिकी तथा डिजिटल समाधानों के माध्यम से भारत के पशुधन क्षेत्र की सुरक्षा में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, डॉ. एस.एन. सुशील, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बेंगलुरु ने प्रतिभागियों को भारत में जैव-आदानों के उभरते दायरे पर संबोधित किया।

नाविक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (पीआई-सीईओ) ने इनक्यूबेशन पारिस्थितिकी तंत्र का परिचय दिया और पशुपालन एवं पशुधन उद्यमों में अवसरों पर प्रकाश डाला, जबकि विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र के आर्थिक महत्व और भारत तथा ब्राजील के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता वाली साझा चुनौतियों पर चर्चा की।

कई संवादात्मक सत्रों में, भारतीय और ब्राज़ीलियाई प्रतिनिधियों ने कृषि एवं पशुधन में सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी सह-विकास और सीमा-पार इनक्यूबेशन अवसरों की खोज की।

कार्यक्रम में भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु का दौरा भी शामिल था, जहां, डॉ. टी.के. बेहरा, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएचआर ने नवीन फलों की किस्मों, मूल्य वर्धित बागवानी उत्पादों और एबीआई, बेस्ट-हॉर्ट के माध्यम से सफल प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण में नवाचारों का प्रदर्शन किया।

 

ICAR-NIVEDI Hosts Maitri 2.0 Delegates in Bengaluru

प्रतिनिधियों ने इनक्यूबेटीज़ के साथ बातचीत की और बागवानी फार्मों का दौरा किया, जिससे भारत के नवाचार-संचालित बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई।

प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय संस्थानों के साथ भविष्य में साझेदारी बनाने में गहरी रुचि व्यक्त की, विशेष रूप से सह-इनक्यूबेशन, छात्र आदान-प्रदान, प्रौद्योगिकी सत्यापन और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास पहलों में, जिन्हें दोनों देशों के बीच आगामी समझौता ज्ञापनों के तहत और आगे बढ़ाया जाएगा।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान एवं रोग सूचना विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)

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