4 अक्टूबर, 2025, हैदराबाद
भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (नार्म), हैदराबाद में आज 114वें कृषि अनुसंधान सेवा फाउंडेशन कोर्स (एफओसीएआरएस) के परिवीक्षार्थियों के लिए भाकृअनुप तथा सीएसआईआर की महिला अचीवर वैज्ञानिकों के साथ एक संवाद सत्र आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा कृषि वैज्ञानिकों को पेशेवर तथा व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखते हुए अनुसंधान में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना था।

डॉ. पी.डी. कमला जयंती, राष्ट्रीय प्रोफेसर, भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर), बेंगलुरु, और डॉ. शैलजा डोनमपुडी, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं प्रमुख, बीडीजी, सीएसआईआर, नई दिल्ली, अतिथि वक्ता थीं जिन्होंने अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा कीं।
अपनी बातचीत के दौरान, डॉ. कमला जयंती ने जुनून से प्रेरित अनुसंधान को बढ़ावा देने, करियर के अवसरों की पहचान करने और एक स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। पीएचडी स्कॉलर, एआरएस वैज्ञानिक, राष्ट्रीय फेलो और राष्ट्रीय प्रोफेसर के रूप में अपनी यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए, उन्होंने परिवीक्षार्थियों को वैज्ञानिक उत्कृष्टता तथा दृढ़ता के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉ. डोनमपुडी ने अनुसंधान में आजीवन सीखने, नवाचार और अनुकूलनशीलता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक शोधकर्ता से एक शोध प्रबंधक बनने के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किया साथ ही युवा वैज्ञानिकों को उभरते वैज्ञानिक परिदृश्य में नेतृत्व एवं समस्या-समाधान कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
यह सत्र ज्ञान साझा करने और मार्गदर्शन के लिए एक मूल्यवान मंच के रूप में कार्य किया, जिसने कृषि वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी को प्रभावशाली और समावेशी अनुसंधान करियर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)
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