18 जून, 2025, कोलकाता
भाकृअनुप-केन्द्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता में “जूट के गुलदस्ते तथा हस्तशिल्प बनाने के लिए बुनियादी कौशल विकास” पर 9-18 जून, 2025 के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) के तहत 15 अनुसूचित जाति के महिलाओं हेतु किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षुओं को विभिन्न प्रकार के जूट हस्तशिल्प बनाने के प्रशिक्षण के माध्यम से जूट के उत्पाद निर्माण तथा उसके विपनण से अपने परिवार की आय में योगदान देकर तकनीकी रूप से सशक्त बनाना था।
मुख्य अतिथि डॉ. तीर्थ कुमार दत्ता, कुलपति, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता ने भाकृअनुप-केन्द्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान (क्रिजैफ) द्वारा आयोजित इस तरह के प्रशिक्षणों की सराहना की और साथ-ही जूट के मूल्यवर्धित विविध उत्पाद बनाने में कौशल विकास के माध्यम से स्थायी आजीविका विकल्प बनाने हेतु इस प्रकार के प्रशिक्षण के महत्व के बारे में जानकारी साझा की।
संस्थान के निदेशक, डॉ. गौरांग कर ने इसके समापन-सह- प्रमाणपत्र वितरण के शुभ अवसर पर जूट के मूल्य संवर्धन में कौशल निर्माण के माध्यम से महिला कृषकों के सशक्तिकरण पर जोर दिया और कृषि से आय सृजन का मार्ग प्रशस्त किया।
प्रशिक्षुओं ने इस अवसर पर अपने प्रशिक्षण अनुभव साझा किया साथ ही भविष्य में इस तरह के और भी प्रशिक्षण प्राप्त कर अधिक कौशल अर्जित करने की इच्छा जाहिर की।
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)
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