26 सितंबर, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता, में आज राजभाषा कार्यशाला “कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का प्रभावी प्रयोग” सफलतापूर्वक आयोजित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने की।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता, श्री राम दयाल शर्मा, संयुक्त निदेशक (राजभाषा), भाकृअनुप, नई दिल्ली, थे। अपने व्याख्यान में उन्होंने राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3), राजभाषा नियम 5, हिंदी व अंग्रेजी पत्रों के निस्तारण, फाइलों पर टिप्पणियाँ लिखने, हिंदी कार्यशालाओं के आयोजन, विभागीय राजभाषा समिति की बैठकों, नियम 10(4) के अंतर्गत अधिसूचनाओं तथा अधिकारियों-कर्मचारियों के हिंदी, आशुलिपि, टंकण, अनुवाद एवं कंप्यूटर प्रशिक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तथा सुझाव साझा किया। इससे पूर्व उन्होंने संस्थान के राजभाषा कार्यों की समीक्षा की और पत्रिकाओं के प्रकाशन, हिंदी पुस्तकों की खरीद, कर्मचारियों द्वारा हिंदी में कार्य, वेबसाइट पर भाषा प्रयोग तथा राजभाषा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी पहलों का उल्लेख किया।

कार्यशाला के उद्घाटन में डॉ. डे ने मुख्य वक्ता एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संस्थान में हिंदी के प्रगतिशील उपयोग की पहल साझा की। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यों में हिंदी का सहज प्रयोग आज समय की आवश्यकता है और सभी अधिकारियों को राजभाषा लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सक्रिय रहना चाहिए। डॉ. डे ने कहा कि दैनिक कार्यों में हिंदी का प्रयोग हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी होने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने का माध्यम भी है।
कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों तथा परियोजना कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिंदी के प्रभावी प्रयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)







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