भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी देहरादून द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2025 के अंतर्गत “सतर्कता-विकसित भारत के लिए एक साझा जिम्मेदारी” पर एक विशेष व्याख्यान

भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी देहरादून द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2025 के अंतर्गत “सतर्कता-विकसित भारत के लिए एक साझा जिम्मेदारी” पर एक विशेष व्याख्यान

28 अक्टूबर, 2025, देहरादून  

भाकृअनुप–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून में “सतर्कता” विषय पर एक विशेष व्याख्यान आज डॉ. वी.वी. ध्रुवनारायण सभागार में आयोजित किया गया। विदित है कि, सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 (27 अक्टूबर से 2 नवम्बर) के अंतर्गत, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता एवं सुशासन को बढ़ावा देने की दिशा में देशव्यापी अभियान के रूप में मनाया जा रहा है।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता, डॉ. एम. मधु, निदेशक, भाकृअनुप–आईआईएसडब्ल्यूसी ने की तथा व्याख्यान डॉ. एम. मुरुगनंदम, प्रभारी अधिकारी, पीएमई अनुभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया।

डॉ. एम. मधु ने इस उपयोगी व्याख्यान की सराहना की और कहा कि निरंतर जागरूकता तथा व्यक्तिगत जिम्मेदारी, संस्थागत पारदर्शिता एवं नैतिक सुशासन को सशक्त बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

   

अपने व्याख्यान में डॉ. मुरुगनंदम ने कहा कि सतर्कता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुशासन की आधारशिला हैं। उन्होंने व्यक्तिगत जिम्मेदारी और नैतिक आचरण को संस्थागत सशक्तिकरण के लिए अनिवार्य बताया।

श्री गिरीश भट्ट, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (सीएओ) ने भी अपनी उपस्थिति के साथ सतर्कता एवं ईमानदारी के महत्व को इस कार्यक्रम में सबसे साझा किया।

कुल 102 प्रतिभागियों ने (मुख्यालय एवं क्षेत्रीय केन्द्रों से) ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से इस कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. जे. एम.एस. तोमर, प्रमुख, पादप विज्ञान प्रभाग, द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

(स्रोतः भाकृअनुप–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)

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