सीमाओं को पाटना, ज्ञान शेयर करना: भाकृअनुप-केवीके (सीआईएसएच), मालदा में प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन भ्रमण के जरिए नॉर्थ-ईस्ट के किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास

सीमाओं को पाटना, ज्ञान शेयर करना: भाकृअनुप-केवीके (सीआईएसएच), मालदा में प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन भ्रमण के जरिए नॉर्थ-ईस्ट के किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास

10-12 नवंबर, 2025, मालदा

भाकृअनुप–कृषि विज्ञान केन्द्र (साआईएसएच), मालदा, जो भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, के अधिकार क्षेत्र में काम करता है, ने बीओएससीओ रीच आउट, गुवाहाटी, असम के साथ मिलकर तीन दिन का प्रशिक्षण-सह-प्रदर्शन भ्रमण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस प्रोग्राम का मकसद नॉर्थ ईस्टर्न इलाके के किसानों को व्यवहारिक ज्ञान, नई तकनीकी से परिचित कराना एवं टिकाऊ खेती के तरीकों में व्यवहारिक प्रशिक्षण के जरिए मज़बूत बनाना था।

Bridging Boundaries, Sharing Knowledge: Empowering Farmers of the North-East through Training and Exposure Visit at ICAR–KVK (CISH), Malda

हिस्सा लेने वालों को संबोधित करते हुए, डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप–केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ, ने टिकाऊ तथा फायदेमंद खेती हेतु अच्छी क्वालिटी के खेती के इनपुट पक्का करने तथा किसानों में जागरूकता बढ़ाने की अहमियत पर ज़ोर दिया। उन्होंने असम के आदिवासी किसानों की भागीदारी को आसान बनाने के लिए बीओएससीओ रीच आउट की तारीफ की और उन्हें आविष्कार अपनाने, शहद एवं फूड प्रोसेसिंग के मौकों का पता लगाने, और बेहतर लाभ अर्जित करने हेतु मूल्य संवर्धन के साथ-साथ कृषि-उद्यमिता को आगे बढ़ाने पर प्रकाश डाला।

डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृनुप-अटारी, कोलकाता ने अपने संबोधन में, भाकृअनुप-केवीके (सीआईएसएच), मालदा की भूमिका की तारीफ़ की, जिसमें उन्होंने अलग-अलग इलाकों में टेक्नोलॉजी विस्तार को बढ़ावा दिया, खासकर नॉर्थ ईस्ट के किसानों को खेती के एडवांस तरीकों से जोड़ने में। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह की अंतर-क्षेत्रीय कोशिशें उत्पादकता बढ़ाने, गांव की आजीविका को मज़बूत करने के साथ-साथ विकसित भारत @2047 के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने में अहम योगदान देते हैं। डॉ. डे ने आगे इस बात पर ज़ोर दिया कि जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा मनाने के दौरान आदिवासी किसानों के साथ जुड़ने से खेती के विकास एवं देसी ज्ञान सिस्टम को बचाने की भावना को मजबूती मिलती है।

Bridging Boundaries, Sharing Knowledge: Empowering Farmers of the North-East through Training and Exposure Visit at ICAR–KVK (CISH), Malda

तकनीकी सत्र में क्लासरूम डिस्कशन के साथ भाकृअनुप-केवीके (सीआईएसएच), मालदा तथा रीजनल रिसर्च स्टेशन (आरआरएस), मालदा के एक्सपर्ट्स की अगुवाई में फील्ड-बेस्ड डेमोंस्ट्रेशन भी शामिल थे। प्रतिभागियों ने अलग-अलग प्रदर्शन और प्रशिक्षण इकाई का दौरा किया, जिसमें आम का बाग, बीज प्रोसेसिंग यूनिट, बायो-कम्पोस्ट फैसिलिटी, फूड एवं शहद प्रोसेसिंग यूनिट्स, तथा मूल्य सृंखला विकास प्रोजेक्ट्स शामिल थे, जो सतत खेती के मॉडल और कृषि-उद्यमिता को प्रदर्शित करते थे। आने वाले किसानों ने आम क्लस्टर गांवों में गोद लिए गए किसानों से भी बातचीत की, और फल एवं सब्जी की खेती में अच्छी खेती के तरीकों (जीएपी) का सीधा अनुभव हासिल किया।

इस प्रोग्राम में बीओएससीओ रीच आउट के प्रतिनिधियों के साथ-साथ असम के 26 आदिवासी किसानों का एक डेलिगेशन भी शामिल हुआ।

(स्रोत: भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लखनऊ)

×