25 मई, 2025, नागपुर
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप-सीसीआरआई), नागपुर का दौरा किया तथा संस्थान की प्रगति और भविष्य की योजनाओं का आकलन करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
सभा को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने भारत में नींबू वर्गीय फल के अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भाकृअनुप-सीसीआरआई की सराहना की। उन्होंने संस्थान की पहुंच बढ़ाने और देश भर में नींबू वर्गीय फल उत्पादकों के साथ गहन सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

किसानों की आय बढ़ाने में साइट्रिकल्चर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, मंत्री ने सिट्रस की खेती में प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित, किसान-केन्द्रित हस्तक्षेपों का आग्रह किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात-गुणवत्ता वाली किस्में विकसित करने, स्वच्छ रोपण सामग्री के उत्पादन का विस्तार करने और सिट्रस अपशिष्ट और जूस के मूल्य-वर्धित प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।
श्री चौहान ने 29 मई से 12 जून, 2025 तक चलने वाले विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आगामी प्री-खरीफ अभियान में भाकृअनुप-सीसीआरआई के वैज्ञानिकों की सक्रिय भागीदारी का भी आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अभियान का उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान तथा जमीनी स्तर की खेती के बीच की खाई को पाटना है, तथा यह सुनिश्चित करना है कि नवाचार प्रभावी रूप से किसानों तक पहुंचे और भारतीय कृषि में बदलाव आए।
भाकृअनुप-सीसीआरआई के निदेशक, डॉ. दिलीप घोष ने भाकृअनुप-सीसीआरआई की हालिया उपलब्धियों, चल रही शोध गतिविधियों और राष्ट्रीय विकास दृष्टि विकसित भारत @ 2047 के साथ संरेखित इसके रणनीतिक रोडमैप पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रमुख विशेषताओं में उन्नत नींबू वर्गीय किस्मों का विकास, टिकाऊ उत्पादन प्रौद्योगिकियां, मूल्य संवर्धन पहल तथा किसान-उन्मुख क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल थे।
इस अवसर पर भाकृअनुप के सहायक महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), डॉ. वी.बी. पटेल सहित संस्थान के वैज्ञानिक एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

नींबू की खेती में उत्कृष्टता के लिए, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पांच प्रगतिशील नींबू किसानों को भाकृअनुप-सीसीआरआई प्रौद्योगिकियों को अनुकरणीय रूप से अपनाने एवं क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
इस दौरे का समापन एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ, जिसमें मंत्री ने उभरते नवाचार क्षेत्रों और विकसित भारत @ 2047 लक्ष्यों के साथ संरेखित सिट्रस क्षेत्र की भविष्य की दिशा पर वैज्ञानिकों के साथ चर्चा की। उन्होंने संस्थान की सिट्रस नर्सरी का भी दौरा किया और उच्च गुणवत्ता वाली, रोग-मुक्त रोपण सामग्री के उत्पादन में चल रहे प्रयासों की सराहना की।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें