27 जून, 2025, गोवा
भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने आज जलीय कृषि प्रणालियों में कृत्रिम मेधा (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के एकीकरण की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक उद्योग-वैज्ञानिक इंटरफ़ेस का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में बिजनेस केन्द्र, ब्लूटेकफिन्स नामक एक वास्तविक समय जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के विकासकर्ता, ने भाग लिया। संस्थान के एक तालाब में ब्लूटेकफिन्स इकाई की स्थापना के साथ एक लाइव प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें इसके व्यावहारिक क्षेत्र-स्तरीय अनुप्रयोग को प्रदर्शित किया गया।
भाकृअनुप-सीसीएआरआई के निदेशक, डॉ. परवीन कुमार ने 2047 तक स्मार्ट, जलवायु-अनुकूल तटीय कृषि के विजन को साकार करने में एआई और एमएल की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से पारिस्थितिक रूप से कमजोर तटीय क्षेत्रों में, स्थायी जलीय कृषि के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के महत्व पर बल दिया।

विशेषज्ञों ने वास्तविक समय जल गुणवत्ता निगरानी, बायोमास आकलन, स्वचालित फीडिंग और अनुकूली जल प्रबंधन जैसे डिजिटल नवाचारों पर चर्चा की। छोटे और सीमांत किसानों को सहायता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, पिंजरों, टैंकों, झीलों और आर्द्रभूमि सहित विविध प्रणालियों के लिए अनुकूलित लागत-प्रभावी, किसान-अनुकूल स्मार्ट तकनीकों के विकास पर ज़ोर दिया गया।
बिजनेस सेंटर की टीम ने भाकृअनुप-सीसीएआरआई के वैज्ञानिकों के साथ तकनीकी चर्चा की और डिजिटल उपकरणों के अनुकूलन और क्षेत्र-स्तरीय अनुकूलन के अवसरों की खोज की। प्रतिभागियों ने एक पारंपरिक खज़ान भूमि जलीय कृषि स्थल का भी दौरा किया, जहाँ जलवायु-प्रतिरोधी, लवण-प्रभावित क्षेत्रों में एआई-आईओटी तकनीकों के संभावित अनुप्रयोगों पर विचार-विमर्श किया गया।
इस इंटरफ़ेस ने सतत जलीय कृषि विकास के लिए स्मार्ट तकनीकों को अपनाने में तेजी लाने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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