एनएबीएल एक्रेडिटेशन पर जागरूकता कार्यक्रम: इसके द्वारा मिट्टी परीक्षण में गुणवत्ता एवं पहचान को आगे बढ़ाने का प्रयास

एनएबीएल एक्रेडिटेशन पर जागरूकता कार्यक्रम: इसके द्वारा मिट्टी परीक्षण में गुणवत्ता एवं पहचान को आगे बढ़ाने का प्रयास

4 दिसंबर, 2025, कोलकाता

विश्व मृदा दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर, 'एनएबीएल एक्रेडिटेशन: मिट्टी परीक्षण में गुणवत्ता और पहचान को आगे बढ़ाना' विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आज नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) तथा भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता, द्वारा संयुक्त रूप से हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया।

डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता, ने मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के दिशानिर्देशों और गुणवत्ता नियंत्रण पर मुख्य संबोदन दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लगातार और विश्वसनीय परीक्षण प्राप्त करने में नीतियों, प्रक्रियाओं, दस्तावेज़ीकरण तथा नियंत्रण तंत्र को शामिल करने वाली मजबूत गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मात्रा से अधिक गुणवत्ता को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रियाओं का विस्तार से बताया, और विश्लेषणात्मक अनिश्चितता तथा आंतरिक गुणवत्ता निर्धारकों के वैज्ञानिक प्रबंधन की व्याख्या की।

Awareness Programme on NABL Accreditation: Advancing Quality and Recognition in Soil Testing

सुश्री मालंचा दास, उप-निदेशक, एनएबीएल, कोलकाता, ने एनएबीएल के जनादेश पर प्रकाश डाला और मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यता/एक्रेडिटेशन के महत्व एवं प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विश्व स्तर पर स्वीकृत आईएसओ/आईसी 17025 मानक एवं परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए इसकी आवश्यक आवश्यकताओं का एक व्यापक अवलोकन प्रदान किया।

इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के विभिन्न सभी केवीके की एक्रेडिटेशन क्षमता वाली कुल 18 संभावित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप–कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

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