भूटान के प्रतिनिधिमंडल का भाकृअनुप-आईएआरआई का दौरा

भूटान के प्रतिनिधिमंडल का भाकृअनुप-आईएआरआई का दौरा

21 अप्रैल, 2025, नई दिल्ली

कृषि एवं वन मंत्रालय के सचिव, दाशो थिमले नामग्याल के नेतृत्व में भूटान के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि अनुसंधान एवं विकास में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप-आईएआरआई), नई दिल्ली का दौरा किया।

Delegations from Bhutan Visits ICAR-IARI

भाकृअनुप-आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), डॉ. सी. विश्वनाथन ने भारत की हरित क्रांति में संस्थान की अग्रणी भूमिका तथा उच्च उपज वाली फसल किस्मों, उन्नत कृषि पद्धतियों और नवीन प्रौद्योगिकियों के विकास में इसके महत्वपूर्ण योगदान को विस्तार से बताया।

एक संवादात्मक सत्र के दौरान, दोनों पक्षों ने साझा कृषि हितों और सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की। श्री नामग्याल ने भूटान की प्रमुख कृषि चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें छोटी जोत, श्रम की कमी, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान, ग्रामीण से शहरी प्रवास और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव शामिल हैं। उन्होंने भारत से कृषि आयात पर भूटान की भारी निर्भरता तथा इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सम्बंधों को मजबूत करने में उसकी गहरी रुचि पर भी जोर दिया।

भावी सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए, डॉ. विश्वनाथन ने भाकृअनुप और भूटान सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव रखा।

Delegations from Bhutan Visits ICAR-IARI

इस यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान की प्रमुख शोध और प्रदर्शन सुविधाओं का दौरा किया, जिसमें नानाजी देशमुख राष्ट्रीय पादप फेनोमिक्स सुविधा, एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) मॉडल तथा संरक्षित खेती प्रौद्योगिकी केन्द्र (सीपीसीटी) शामिल हैं। इन यात्राओं ने संस्थान के अत्याधुनिक शोध, टिकाऊ कृषि प्रौद्योगिकियों एवं किसान-केन्द्रित नवाचारों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।

यह यात्रा कृषि में भारत-भूटान सहयोग को और अधिक बढ़ाने तथा टिकाऊ खाद्य प्रणालियों तथा अनुसंधान आदान-प्रदान के साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)

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