वैज्ञानिक आधुनिक समय के विज्ञान के ऋषि हैं; भाकृअनुप के वैज्ञानिकों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई – श्री शिवराज सिंह चौहान
इस महत्वपूर्ण बैठक में 18 से अधिक केन्द्रीय और राज्य कृषि मंत्रियों ने कृषि प्रगति पर विचार-विमर्श किया
केन्द्रीय कृषि मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसलवार और राज्य-विशिष्ट कार्य योजना बनाई जाएंगी
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "कृषि राज्य का विषय है; कृषि विकास के लिए राज्य सरकारों का सहयोग आवश्यक है।"
अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी को खेती और किसानों की जरूरतों के साथ जोड़ा जाना चाहिए – श्री शिवराज सिंह चौहान
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि जन औषधि केन्द्रों के समान 'फसल औषधि केन्द्र' स्थापित करने पर विचार किया जाएगा।
11 जुलाई 2025 को कोयंबटूर में कपास पर केन्द्रित सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। – श्री शिवराज सिंह चौहान
'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत रबी सम्मेलन दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जाएगा – श्री शिवराज सिंह चौहान
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हम एक विकसित भारत के निर्माण के लिए समर्पित हैं – श्री चौहान
7 जुलाई, 2025, नई दिल्ली
श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर के भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) की 96वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में 18 से अधिक केन्द्रीय एवं राज्य मंत्रियों ने भाग लिया। उपस्थित लोगों में, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री, श्री भागीरथ चौधरी; केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेन्द्र सिंह; केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, श्री एस.पी. बघेल एवं श्री जॉर्ज कुरियन; अरुणाचल प्रदेश के कृषि, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं बागवानी मंत्री, श्री गेब्रियल डी. वांगसू; बिहार के उप-मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री, श्री विजय कुमार सिन्हा; बिहार की पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री, श्रीमती रेणु देवी; मध्य प्रदेश के बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री, श्री नारायण सिंह कुशवाह; मिजोरम के कृषि मंत्री, श्री पी.सी. वनलालरुआटा; हरियाणा के कृषि, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री, श्री श्याम सिंह राणा; उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री, श्री धर्मपाल सिंह; ओडिशा के मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री गोकुलानंद मलिक; मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री, श्री अदल सिंह कंसाना; और केंद्रीय कृषि सचिव, श्री देवेश चतुर्वेदी शामिल थे।

श्री भागीरथ चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए टिकाऊ और लचीली कृषि के लिए जैविक खेती को अपनाना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और किसानों के सामूहिक प्रयास हमें 2047 तक प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर ले जाएंगे।

श्री जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक खेती न केवल विकास करती है बल्कि उन्नत तकनीकों के कार्यान्वयन के माध्यम से नई किस्मों को बनाने में भी सफल होती है। उन्होंने दोहराया कि आधुनिक खेती न केवल विकास सुनिश्चित करती है बल्कि उन्नत तकनीकों के माध्यम से नई किस्मों के विकास को भी सक्षम बनाती है। मंत्री ने कहा कि भाकृअनुप के अभिनव मॉडलों ने कृषि उपज के शेल्फ जीवन को सफलतापूर्वक बढ़ाया है।

श्री कुरियन ने कहा कि वे भारत भर में मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में भाकृअनुप द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए आभारी हैं। उन्होंने कहा, "मैं भारत भर में मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में भाकृअनुप के महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभार व्यक्त करता हूं।"

श्री बघेल ने कहा कि भाकृअनुप की तकनीकों ने कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। किसानों को अपनी पैदावार बढ़ाने के लिए इन नवाचारों और शोध परिणामों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाकृअनुप की तकनीकों ने कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। किसानों को अपनी पैदावार बढ़ाने के लिए इन नवाचारों और शोध परिणामों को अपनाना चाहिए।

डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने भाकृअनुप की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भाकृअनुप की वार्षिक रिपोर्ट 2024-2025 भी प्रस्तुत की तथा इसे अपनाने का प्रस्ताव पढ़ा।
श्री पुनीत अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव (डेयर) एवं वित्तीय सलाहकार (भाकृअनुप) ने वर्ष 2023-24 के लिए लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ वार्षिक खाते प्रस्तुत किए, जिसके बाद इसे अपनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस अवसर पर भाकृअनुप के 4 प्रकाशन जारी किए गए।
राज्य मंत्रियों ने खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि और कृषि क्षेत्र में समग्र प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सर्वसम्मति से किसानों की समृद्धि और कृषि में उन्नति के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, नई दिल्ली)
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