7 नवंबर, 2025, हैदराबाद
भाकृअनुप-केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के मौके पर देश के साथ शामिल हुआ। यह एक मशहूर राष्ट्रीय गीत है जिसने भारत के आज़ादी के आंदोलन को हवा दी और एकता, हिम्मत भी दी, साथ ही मातृभूमि के प्रति समर्पण के अपने संदेश से हमेशा आने वाले पीढ़ियों हेतु प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।
इस इवेंट में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का लाइव टेलीकास्ट दिखाया गया, जिसमें उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वंदे मातरम देश के विज़न को एक आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर तथा फिर से उभरता हुआ विकसित भारत 2047 की ओर लेकर जाएगा।
देश भर में मनाए जाने वाले इस जश्न के हिस्से के तौर पर, भाकृअनुप-क्रीडा ने वंदे मातरम के सामूहिक गायन का आयोजन किया, जिसमें इसके रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को श्रद्धांजलि दी गई, जिनकी अमर रचना भारत की देशभक्ति की भावना का प्रतीक बनी हुई है।

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रीडा, ने वंदे मातरम के ऐतिहासिक महत्व और आजादी की लड़ाई के दौरान देश को एकजुट करने में इसकी गहरी भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह याद न केवल बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की साहित्यिक प्रतिभा का सम्मान करता है, बल्कि एकता, अखंडता एवं राष्ट्रीय गौरव के आदर्शों के प्रति भारत की सामूहिक प्रतिबद्धता को भी सुनिश्चित करता है।
भाकृअनुप-क्रीडा के सभी स्टाफ मेंबर और आईएआरआई-मेगा यूनिवर्सिटी, हैदराबाद हब के स्टूडेंट्स ने बड़े जोश के साथ सामूहिक गायन में हिस्सा लिया एवं लाइव उद्घाटन प्रोग्राम में शामिल हुआ।
इस आयोजन में देशभक्ति और एकता की गहरी भावना दिखी, जिसमें एक ऐसे गीत का सम्मान किया गया जो भारत की राष्ट्रीय पहचान, गौरव तथा सम्मान का सार है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)







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