30 जून, 2025, लखनऊ
भाकृअनुप-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज ने अरब सागर से डीप-सी ईल की एक नई प्रजाति, फेसियोलेला स्मिथी की खोज की घोषणा की है। यह नमूना केरल तट से 260 से 460 मीटर की गहराई पर एकत्र किया गया था।
यह नई पहचान की गई ईल नेटास्टोमेटिडे परिवार से संबंधित है और अपने पतले शरीर और एक विशिष्ट आकार के डकबिल जैसे थूथन से पहचानी जाती है। इस प्रजाति का नाम प्रख्यात इचिथोलॉजिस्ट डॉ. डेविड जी. स्मिथ के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने ईल वर्गीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस पहचान की पुष्टि व्यापक रूपात्मक, रेडियोग्राफिक और आणविक विश्लेषणों के माध्यम से की गई। डॉ. पी. कोडेश्वरन और डॉ. टी. टी. अजीत कुमार के नेतृत्व में किए गए निष्कर्षों की समीक्षा की गई है और इसे अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘ज़ूटाक्सा’ में प्रकाशित किया गया है।
डॉ. काजल चक्रवर्ती, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले चार वर्षों में संस्थान द्वारा खोजी गई यह 16वीं नई ईल प्रजाति है, जो भारत के गहरे समुद्र के पारिस्थितिक तंत्र की विशाल जैव विविधता और समुद्री अन्वेषण के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है। खाद्य तथा दवा अनुप्रयोगों में इसकी व्यावसायिक क्षमता का आकलन करने के लिए वर्तमान में नई प्रजाति की पोषण संबंधी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मछली आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)
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