16 मई 2025, नई दिल्ली
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने आज वर्चुअल प्रारूप में 34वीं राष्ट्रीय विस्तार कार्यक्रम (एनईपी) खरीफ समीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें आगामी फसल मौसम के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) पहलों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
भाकृअनुप-आईएआरआई के निदेशक, डॉ. चेरूमल्ली श्रीनिवास राव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में भाकृअनुप संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू), केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू), झांसी तथा 16 स्वैच्छिक संगठनों (वीओ) के प्रमुख हितधारकों ने हिस्सा लिया।
इस प्रमुख पहल का उद्देश्य अनुसंधान संस्थानों तथा जमीनी स्तर के संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर कृषि नवाचारों की अंतिम-छोर तक डिलीवरी को बढ़ाना है।

डॉ. राव ने प्रौद्योगिकी प्रसार में तेजी लाने और टिकाऊ कृषि विकास सुनिश्चित करने में ऐसे सहयोगी ढाँचों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "सही समय पर सही किसान को सही तकनीक देने के लिए हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है," उन्होंने सभी हितधारकों से गति बनाए रखने और मजबूत फीडबैक सिस्टम द्वारा समर्थित स्थानीय रूप से अनुकूली दृष्टिकोणों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
भाकृअनुप-आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (विस्तार), डॉ. आर.एन. पडारिया ने कार्यक्रम के रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने एक समर्पित बातचीत सत्र का भी नेतृत्व किया, जिससे ज्ञान तथा क्षेत्र के अनुभवों का आदान-प्रदान संभव हुआ, जिसे बाद में उन्होंने भविष्य की पहलों के लिए प्रमुख कार्य बिंदुओं को परिभाषित करने के लिए संश्लेषित किया।
इस कार्यक्रम में भाकृअनुप संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और स्वैच्छिक संगठनों की ओर से 28 प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें पिछली उपलब्धियों की समीक्षा की गई और खरीफ सीजन के लिए योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। कार्यशाला का समापन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में दक्षता, समावेशिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिसने कृषि विस्तार तथा विकास में संस्थान के नेतृत्व की पुष्टि की।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें