26 जुलाई, 2025, गोवा
विश्व मैंग्रोव दिवस के उपलक्ष्य में, भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने वन विभाग, अनुसंधान एवं उपयोग प्रभाग, गोवा सरकार के सहयोग से आज नवेली, दिवार, तिस्वाड़ी, गोवा में मैंग्रोव वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य मैंग्रोव के पारिस्थितिक महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा उनके संरक्षण एवं पुनर्स्थापन को बढ़ावा देना था।
श्री संतोष कुमार रेड्डी, आईएफएस, उप वन संरक्षक, दक्षिण गोवा, इस अवसर पर उपस्थित होकर तटीय पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा में भाकृअनुप-सीसीएआरआई और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों की सराहना की।
वृहद मैंग्रोव पुनर्स्थापन दृष्टिकोण के तहत, इस वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य द्वीप के बांध के 2 किलोमीटर के हिस्से को तूफ़ानी लहरों, ज्वारीय प्रभावों तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाना था।

भाकृअनुप-सीसीएआरआई के कर्मचारियों, वन विभाग के अधिकारियों, ग्रामीणों, छात्रों और स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी से 400 से अधिक मैंग्रोव पौधा रोपण कार्य संपन्न हुआ।
संवादात्मक सत्रों में तटीय संरक्षण, जैव विविधता समर्थन तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता में मैंग्रोव की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया, साथ ही समुदाय-आधारित प्रबंधन एवं युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया। दीर्घकालिक वनरोपण रणनीति के तहत, पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और जैव विविधता को तथा बढ़ाने के लिए दिवार द्वीप पर 14 हैक्टर क्षेत्र में 40,000 से अधिक मैंग्रोव पौधे लगाने की योजना पर काम चल रहा है।
यह सहयोगात्मक प्रयास जलवायु-प्रतिरोधी तटीय परिदृश्यों के निर्माण और स्थानीय समुदायों में पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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