वाणिज्यिक बैकयार्ड पोल्ट्री के लिए उद्यम मॉडल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया आयोजन

वाणिज्यिक बैकयार्ड पोल्ट्री के लिए उद्यम मॉडल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया आयोजन

4-8 मार्च, 2024, हैदराबाद

राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद में आज भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद के सहयोग से 'व्यावसायिक बैकयार्ड पोल्ट्री के लिए उद्यम मॉडल विद मोरिंगा खेती' विषय पर 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

Training on Enterprise Model for Commercial Backyard Poultry  Training on Enterprise Model for Commercial Backyard Poultry

डॉ. जी. नरेन्द्र कुमार, आईएएस, महानिदेशक, एनआईआरडीपीआर, ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक अग्रणी पहल, लखपति दीदी के निर्माण में एनआईआरडीपीआर की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के लिए आय के अवसरों के विविधीकरण में बैकयार्ड पोल्ट्री तथा मोरिंगा उप-क्षेत्र के महत्व पर बल दिया।

डॉ. आर.एन. चटर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-डीपीआर, ने उद्यमियों के लिए आय के अवसरों में सुधार लाने में बैकयार्ड पोल्ट्री की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा इस क्षेत्र की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि भाकृअनुप-डीपीआर द्वारा विकसित बैकयार्ड पोल्ट्री और मोरिंगा फार्मिंग का एकीकृत मॉडल एक लाभदायक उद्यम है तथा उन्होंने एकीकृत बैकयार्ड पोल्ट्री एवं मोरिंगा फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए डीपीआर की तकनीकी क्षमताओं के उपयोग का सुझाव दिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पोषण, स्वास्थ्य, आवास, प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, मोरिंगा के साथ एकीकृत खेती और विस्तार सहित पोल्ट्री के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा।

उद्घाटन सत्र में डॉ. सीएच राधिका रानी, निदेशक, एनआरएलएमआरसी, एनआईआरडीपीआर और भाकृअनुप-डीपीआर, हैदराबाद तथा एनआईआरडीपीआर के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में छह विभिन्न राज्यों के लगभग 26 अधिकारियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कुक्कुट अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद)

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