स्वदेशी मछलियों के संरक्षण की दिशा में भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के परिवर्तनकारी प्रयास

स्वदेशी मछलियों के संरक्षण की दिशा में भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के परिवर्तनकारी प्रयास

17 अगस्त, 2023, कोच्चि

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर) ने अपने सेंटर फॉर पेनिनसुलर एक्वाटिक जेनेटिक रिसोर्सेज (पीएजीआर), कोच्चि के माध्यम से स्थानिक मछलियों, जैसे- पीली कैटफिश (होराबाग्रस ब्राचिसोमा) तथा मालाबार लेबियो (लेबियो डुसुमिएरी) का पेरिंगलकुथु जलाशय, चलक्कुडी नदी, केरल में इसके बीज जारी करने में परिवर्तनकारी प्रयास किया है। 

ICAR-NBFGR’s transformative efforts towards the conservation of indigenous fishes  ICAR-NBFGR’s transformative efforts towards the conservation of indigenous fishes  ICAR-NBFGR’s transformative efforts towards the conservation of indigenous fishes

भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के निदेशक, डॉ. उत्तम कुमार सरकार ने मछली उत्पादन एवं आजीविका को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय जल निकायों में स्वदेशी मछलियों के भंडारण के माध्यम से संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाने का काम किया है। 

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यह कार्य कृषि-जैव विविधता परियोजना पर भाकृअनुप कंसोर्टियम रिसर्च प्लेटफॉर्म के तहत किया गया था। पीएजीआर ने पनांगड में भाकृअनुप-एनबीएफजीआर हैचरी सुविधा में पीली कैटफ़िश और मालाबार लेबियो के प्रजनन और संवर्धन का काम शुरू किया है। जलाशय में दो महीने पुरानी उन्नत फ्राई, येलो कैटफ़िश (25000) और मालाबार लेबियो (5000) का भी स्टॉक किया गया है।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)

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