श्री जॉर्ज कुरियन ने भाकृअनुप-सीएमएफआरआई मंडपम क्षेत्रीय केन्द्र में समुद्री शैवाल उत्कृष्टता केन्द्र का किया उद्घाटन

श्री जॉर्ज कुरियन ने भाकृअनुप-सीएमएफआरआई मंडपम क्षेत्रीय केन्द्र में समुद्री शैवाल उत्कृष्टता केन्द्र का किया उद्घाटन

9 जनवरी, 2025, कोच्चि

केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान के मंडपम क्षेत्रीय केन्द्र में समुद्री शैवाल के लिए उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) का उद्घाटन किया। भारत सरकार ने हाल ही में देश में समुद्री शैवाल संस्कृति के समग्र विकास एवं संवर्धन के लिए भाकृअनुप-सीएमएफआरआई मंडपम को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में नामित किया है।

इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि उत्कृष्टता केन्द्र भारत में समुद्री शैवाल की खेती को काफी बढ़ावा देगा। उन्होंने समुद्री मत्स्य पालन और समुद्री कृषि को आगे बढ़ाने में भाकृअनुप-सीएमएफआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा कि यह विकास मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास को और बढ़ाएगा।

मंत्री ने सीओई के तहत मंडप केन्द्र में समुद्री शैवाल प्लांटलेट उत्पादन इकाई का भी उद्घाटन किया और भाकृअनुप-सीएमएफआरआई के मंडपम क्षेत्रीय केन्द्र में विभिन्न सुविधाओं का दौरा किया, जिसमें समुद्री शैवाल प्लांटलेट उत्पादन इकाई, समुद्री हैचरी कॉम्प्लेक्स, राष्ट्रीय समुद्री मछली ब्रूड बैंक, रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), सी केज फार्म, ग्रीन टाइगर श्रिम्प हैचरी (पीएमएमएसवाई योजना के तहत स्थापित), समुद्री जैव विविधता संग्रहालय तथा समुद्री एक्वेरियम भी शामिल है। मछुआरों और मछली किसानों के साथ अपनी बातचीत के दौरान, श्री कुरियन ने पिछले एक दशक में भारत के मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला, जो 95.79 लाख टन से बढ़कर 175.45 लाख टन हो गया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में भी बताया।

एनआरसी केला के निदेशक, डॉ. आर. सेल्वाराजन और भाकृअनुप-सीएमएफआरआई के अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) के अध्यक्ष, डॉ. दिलीप कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

तमिलनाडु के रामनाथपुरम तथा पुदुकोट्टई जिलों के 150 से अधिक मछुआरों, मछली किसानों तथा समुद्री शैवाल किसानों ने इस इंटरैक्टिव बैठक में भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान, कोच्चि)

×