श्री गिरिराज सिंह ने उद्योग-संस्थान इंटरफेस का किया उद्घाटन

श्री गिरिराज सिंह ने उद्योग-संस्थान इंटरफेस का किया उद्घाटन

25 अप्रैल, 2025, कोलकाता

भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता में आज संस्थान-उद्योग इंटरफेस का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि, केन्द्रीय वस्त्र मंत्री, श्री गिरिराज सिंह ने उद्योग प्रतिनिधियों से विकसित नवीन प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण के लिए आगे आने तथा विविध मूल्यवर्धित उत्पादों के विकास के लिए आगे सहयोग करने का आग्रह किया।

Shri Giriraj Singh Inaugurates Industry – Institute Interface

वस्त्र मंत्रालय की संयुक्त सचिव, श्रीमती पद्मिनी सिंगला ने समाज की बेहतरी के लिए संस्थान से उद्योग तक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के महत्व के बारे में बताया। भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी के निदेशक, डॉ. डी.बी. शाक्यवार ने संस्थान में विकसित प्रौद्योगिकियों खास कर नवीन प्रौद्योगिकियों एवं उत्पादों के तेजी से प्रसार के लिए उद्योगों तथा अन्य हितधारकों के साथ किए गए सहयोग पर प्रकाश डाला।

भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी के निदेशक, डॉ. डी.बी. शाक्यवार ने संस्थान में विकसित प्रौद्योगिकियों और नवीन प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के तेजी से प्रसार के लिए उद्योगों और अन्य हितधारकों के साथ किए गए सहयोग पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर वस्त्र मंत्रालय, राष्ट्रीय जूट बोर्ड (एनजेबी), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), भारतीय जूट उद्योग अनुसंधान संघ (आईजीआईआरए), जूट मिल्स एवं अनुसंधान एवं विकास संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

उत्पादों के व्यवसायीकरण के लिए “बुने हुए कपड़े के लिए नरम और थोक जूट तथा जूट/जूट-ऐक्रेलिक यार्न” पर एक समझौता ज्ञापन (एमओए) एवं भविष्य के अनुसंधान एवं विकास कार्य के लिए “जूट एक्रिलिक मिश्रित यार्न और उससे विविध उत्पाद” पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर मंत्री की उपस्थिति में भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी तथा मेसर्स ग्लोस्टर जूट मिल्स, कोलकाता के बीच हस्ताक्षर किए गए।

Shri Giriraj Singh Inaugurates Industry – Institute Interface

इससे पहले, कपड़ा मंत्री ने जूट कच्चा माल बैंक (जेआरएमबी) का उद्घाटन किया, जिसे राष्ट्रीय जूट बोर्ड (एनजेबी) के वित्तपोषण के तहत भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी परिसर में एक नई पहल के रूप में लॉन्च किया गया है।

मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने प्रदर्शनी का दौरा किया और कारीगरों से बातचीत की। उन्होंने ऊनी कपड़ों के लिए जूट यार्न को मुलायम बनाने, बांस-जूट-विस्कोस-मिश्रित कपड़े, आउटरीच कार्यक्रम तथा जूट के विविध उत्पादों के विपणन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू करने जैसे क्षेत्रों में भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी के वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट कार्य की भी सराहना की।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक फाइबर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता)

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