प्रथम भारतीय आर्किड महोत्सव 2025 का आयोजन

प्रथम भारतीय आर्किड महोत्सव 2025 का आयोजन

1- 4 मार्च, 2025, सिक्किम

पहली बार भारतीय आर्किड महोत्सव 2025 का आयोजन भाकृअनुप-राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केन्द्र द्वारा सिक्किम के पाकयोंग में 1-4 मार्च, 2025 तक किया गया। महोत्सव में 19 श्रेणियों में 102 प्रतिभागियों के साथ आर्किड शो-सह-प्रतियोगिता आयोजित की गई।
 

 

मुख्य अतिथि, डॉ. वी.के. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-एनईएच, उमैम ने आर्किड शो-सह-प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा और भाकृअनुप-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व निदेशक, डॉ. ए. पटनायक, भाकृअनुप-केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर के निदेशक, डॉ. एम.के. वर्मा, भाकृअनुप के शासी निकाय के सदस्य, डॉ. के.के. बौराह और बर्मिओक के सीओएच के डीन डॉ. ए.के. पांडे शामिल रहे।

आर्किड शो-सह-प्रतियोगिता में कुल 102 प्रतिभागियों ने 19 श्रेणियों में अपनी कलाकृतियां प्रदर्शित कीं।

दूसरे दिन पीपीवीएफआरएंडए के अध्यक्ष, डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने कानूनी संरक्षण के लिए देशी किस्मों के पंजीकरण के महत्व पर चर्चा की। सत्र के दौरान, उनकी उपस्थिति में आर्किड संकर और भाकृअनुप-एनआरसीओ के प्रकाशनों का भी विमोचन किया गया।
 

 

इस सत्र में पीपीवीएफआरएंडए के विशेषज्ञ, भाकृअनुप-डीएफआर के निदेशक, डॉ. के.वी. प्रसाद तथा जिला अधिकारियों ने भाग लिया। स्थानीय उत्पादकों के लिए आर्किड की खेती और आईपीआर मुद्दों पर जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। दूसरे दिन भाकृअनुप-एनआरसीओ के टीएसपी और एससीएसपी कार्यक्रमों के साथ-साथ भाकृअनुप-आईआईडब्ल्यूबीआर के एनईएच कार्यक्रम के तहत आर्किड रोपण सामग्री का वितरण भी किया गया, जिससे सिक्किम और दार्जिलिंग के 300 किसानों को सिंबिडियम (20 पौधे) और डेंड्रोबियम (40 पौधे) से लाभ मिला।

इसके अतिरिक्त, छात्रों के लिए अंतर-कॉलेज सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। 

तीसरे दिन, सिक्किम के कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री, श्री पूर्ण गुरुंग ने सभा को संबोधित किया और भाकृअनुप-एनआरसीओ द्वारा विकसित मूल्य वर्धित उत्पादों को जारी किया। इस दिन पौध किस्मों और किसानों के अधिकार संरक्षण अधिनियम पर एक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उत्पादकों और उद्योगपतियों ने भाग लिया।

इसके बाद संस्थान-उद्योग हितधारकों की बैठक हुई, जिसमें आर्किड उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों ने चुनौतियों पर चर्चा की और आर्किड अनुसंधान, शिक्षा एवं व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए भाकृअनुप-एनआरसीओ के साथ चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। प्रमुख प्रतिभागियों में महिको प्राइवेट लिमिटेड, दार्जिलिंग गार्डन, केएफ बायोप्लांट्स, राइन्को ऑर्किड्स, यूनीओआ ऑर्किड्स, स्मार्टोजेनिक प्राइवेट लिमिटेड और पूर्वोत्तर राज्यों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और नियोटिया विश्वविद्यालय के आर्किड समाजों के प्रतिनिधि शामिल थे। जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में आर्किड की खेती को बढ़ावा देने पर एक राष्ट्रीय संवाद भी हुआ, साथ ही अंतर-विद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं भी हुईं।

इसके अतिरिक्त, 150 किसानों को भाकृअनुप-एनआईआरसीए, आंध्र प्रदेश के एनईएच अनुदान के तहत आर्किड रोपण सामग्री प्राप्त हुई। अंतिम दिन भाकृअनुप-एनआरसीओ की खेती और मूल्य संवर्धन प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करते हुए किसान-वैज्ञानिक बातचीत सत्र का आयोजन किया गया। उत्सव का समापन आर्किड शो-सह-प्रतियोगिता विजेताओं के लिए पुरस्कार समारोह के साथ हुआ।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केन्द्र, सिक्किम)

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