6 नवंबर, 2023, पाकयोंग
डॉ. विश्वजननी सत्तीगेरी, अध्यक्ष, सीएसआईआर-टीकेडीएल ने आज ऑर्किड, पाकयोंग, सिक्किम के लिए भाकृअनुप- भाकृअनुप-राष्ट्रीय ऑर्किड अनुसंधान केन्द्र का दौरा किया।
संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ अपनी बातचीत में उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान एक बहुत ही महत्वपूर्ण आईपी पोर्टफोलियो है और इसका डिजिटल डेटाबेस राष्ट्र द्वारा विकसित महत्वपूर्ण सूचना भंडार है जो इसके ज्ञान संसाधनों के संप्रभु अधिकारों पर एक छाप छोड़ता है, जो प्राचीन काल से मौजूद हैं। डॉ. सत्तीगेरी ने भारत में इस ज्ञान आधार के संरक्षकों की आजीविका से समझौता किए बिना कृषि प्रधान देश की मौखिक परंपराओं को लाने में भारत के टीकेडीएल से जुड़े विकसित तंत्र के बारे में बात की।
डॉ. एल.सी. डी, प्रधान वैज्ञानिक और प्रभारी, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीओ ने स्वागत संबोधन दिया।
इंटरएक्टिव मीटिंग को-ऑर्डिनेटर डॉ. दीपांकर साहा ने वर्ष 2001 के दौरान भारत के लिए टीकेडीएल बनाने में डॉ. आर.ए. माशेलकर की अग्रणी भूमिका का उल्लेख किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय ऑर्किड अनुसंधान केन्द्र, पाकयोंग, सिक्किम)
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