युवाओं के योगदान से भारतीय कृषि को मिलेगी नई दिशा-श्री राधा मोहन सिंह
27th जनवरी, 2016, नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि और ग्रामीण व्यवस्था को रोजगार उन्मुखी बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि के प्रति युवाओं में रूचि पैदा करने के लिए आर्या नामक परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 25 राज्यों के 25 जनपदों में शुरू किया है। इसको संचालित करने की जिम्मेदारी कृषि विज्ञान केंद्रों की है। प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र से 200 - 300 युवाओं का चयन कर उन्हें कृषि क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने हेतु इकाई स्थापित करने का प्रशिक्षण और सहायता दोनों प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि उच्च कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कारण यूजी और पीजी स्तर पर कृषि छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रों के दाखिलों में जबरदस्त तेजी आई है। इतना ही नहीं 2013—2014 के मुकाबले कृषि शिक्षा के आवंटन में लगभग 40 प्रतिशत की बढोत्तरी की गई है ।
श्री राधा मोहन सिंह आज दिल्ली में पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद परिसर में अखिल भारतीय कृषि छात्र एसोसिएशन तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में बोल रहे थे। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि महाविद्यालयों में छात्रों को पढाई के साथ कमाई का अवसर देने के लिए अनुभवजन्य लर्निग इकाइयों की संख्या बढाई गई है। 2013 के मुकाबले इनकी संख्या करीब 50 प्रतिशत बढी है। विभिन्न राज्यों में उच्च कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिए आठ नए कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के अंतर्गत छह नए कॉलेज जिससे उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कृषि कॉलेजों की संख्या 7 से बढ़ कर 13 हो गई है। इसके अलावा रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के अंतर्गत बुंदेलखंड में चार नए कॉलेज खोले गये हैं । उन्होंने कहा कि कृषि स्नातकों को कृषि निवेश जैसे बीज, खाद एंव कीटनाशक बेचने हेतु अधिकृत करने का निर्णय भी लिया गया है, इससे कृषि स्नातकों को देश में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि गांवों से युवाओं का पलायन रोकने के लिए और गांव में रोजगार उपलब्ध करने के लिए सरकार गंभीर है। 'आर्या' नामक योजना हमारे इस संकल्प का प्रकट करता है। कृषि क्षेत्र में रोजगार को बढाने के महत्व को समझते हुए ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा नाबार्ड की सहायता से एग्रीक्लीनिक एंव एग्रीबीजनेस सेंटर की योजना चलाई जा रही है। युवाओं को रोजगार देने के लिए स्किल इंडिया, स्टार्टअप और अटल इनोवेशन मिशन जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से पूरे देश को जोडने और शासन में पारदर्शिता लाने पर जोर हैं। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि हाईस्कूल और इंटरमीडियट पास युवकों को रोजगार संबंधी शिक्षा मिल और वह एक सफल कृषि उद्यमी बन सकें।
इससे पूर्व, अपने स्वागत भाषण में डा. अशोक कुमार सिंह, उपमहानिदेशक, कृषि प्रसार ने युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये प्रयास एक प्रभावी रणनीति के तहत प्रारंभ किये गये है, जिसके बेहतर परिणाम दिखने लगे है।
इस आयोजन में बड़ी संख्या मे कृषि छात्रों के अलावा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें