‘गुजरात के जनजातीय किसानों के लिए खाराजल मत्स्यपालन और संबद्ध प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सतत आजीविका विकास’ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

‘गुजरात के जनजातीय किसानों के लिए खाराजल मत्स्यपालन और संबद्ध प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सतत आजीविका विकास’ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

28 जून, 2019, गुजरात

नवसारी गुजरात अनुसंधान केंद्र, भाकृअनुप-केंद्रीय खाराजल मत्स्यपालन संस्थान, चेन्नई ने 26 से 28 जून, 2019 तक गुजरात के नवसारी जिले के मटवाड़ गाँव में ‘जनजातीय किसानों के लिए वैकल्पिक आजीविका हेतु खाराजल मत्स्यपालन और संबद्ध प्रौद्योगिकियों’ पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम को जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) कार्यक्रम के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया था।

Sustainable Livelihood Development through Brackishwater Aquaculture   Allied Technologies for the Tribal Farmers of Gujarat State

इस अवसर पर कीचड़ वाला केकड़ा (पंक कर्कट) की खेती, समुद्री बैस (एक प्रकार की मछली) नर्सरी पालन और भारतीय श्वेत झींगा पालन पर किसान के अनुकूल विस्तार पुस्तिकाएँ प्रतिभागियों को जारी और वितरित की गईं, ताकि खाराजल मत्स्यपालन और संबद्ध प्रौद्योगिकियों के बारे में वे अपने ज्ञान को बढ़ा सकें।

मत्स्य पालन के अलावा जनजातीय स्वयं-सहायता समूहों को आय सृजन और आजीविका सुरक्षा के लिए सुरती बकरियाँ भी वितरित की गईं।

ICAR-Central Institute of Brackishwater Aquaculture

प्रशिक्षुओं को केकड़े के पॉलीकल्चर, समुद्री बैस की नर्सरी पालन, दुग्धशाला की खेती, खाराजल मत्स्यपालन संबंधी स्वास्थ्य के मुद्दों, मछली और झींगा से मूल्य वर्धित उत्पादों और बकरी की खेती की मूल बातों से अवगत कराया गया।

नवसारी जिले (मटवाड़ और आस-पास के गाँवों) के जनजातीय समुदायों के 76 प्रतिभागियों (48 महिलाओं और 28 पुरुषों) के एक बैच ने प्रशिक्षण-सह-प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लिया।

(स्रोत: नवसारी गुजरात अनुसंधान केंद्र, भाकृअनुप-केंद्रीय खाराजल मत्स्यपालन संस्थान, चेन्नई)

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