24 नवंबर 2016, कोरापुट, ओडिशा
आईसीएआर – आईआईएसडब्ल्यूसी, अनुसंधान केन्द्र, सुनाबेड़ा, कोरापुट, ओडिशा द्वारा किसान दिवस व प्रदर्शनी का आयोजन 24-25th नवंबर, 2016 को किया गया।
प्रो. सच्चिदानंद मोहंती, कुलपति, केन्द्रीय ओडिशा विश्वविद्यालय, कोरापुट, कार्यक्रम के अध्यक्ष ने अपने संबोधन में देश में खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि वांछित विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वंचित किसान समुदायों तक विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों को पहुंचाया जाना चाहिए।
श्री प्रफुल्ल कुमार पांगी, विधायक, पोत्तांगि, कोरापुट ने अपने संबोधन में किसान समुदायों की आजीविका में वृद्धि के लिए जनजातीय किसान समुदायों के बीच प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कम अवधि में लाभ में बढ़ोतरी के लिए अनुसंधान केन्द्रों द्वारा स्वयं सहायता समूहों के बीच ‘गुंडरी’ (जापानी क्विल्स) की भूमिका की प्रशंसा की।
डॉ. पी.के. मिश्रा, निदेशक, आईसीएआर- आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून ने अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्थान की गतिविधियों और किसान सामुदाय के संपूर्ण विकास के लिए विभिन्न विभागों के एकीकरण के बारे में चर्चा की।
किसान प्रतिनिधि श्री पितांबरम, सरपंच ने मृदा एवं वर्षा जल संरक्षण उपायों तथा उत्पादकता बढ़ाने के लिए उपलब्ध स्थानीय लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए कृषक सामुदाय से आग्रह किया। उन्होंने पंचायत के गांवों में टीएसपी परियोजना के तहत अनुसंधान केन्द्र द्वारा जारी विकास कार्यों की सराहना की।
कार्यक्रम में कृषक समुदाय के लाभ के लिए विभिन्न विकास एजेंसियों द्वारा प्रदर्शनी आयोजित की गई।
श्रीमती मालती महाजी, अध्यक्ष, जीपी, कोरापुट ने समापन कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में कृषक समुदाय के लाभ के लिए इस प्रकार के आयोजन के लिए अनुसंधान केन्द्र तथा अन्य विकास एजेंसियों के प्रयास की सराहना की। उन्होंने संसाधन संरक्षण के उपायों सहित कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों के लिए 25 किसानों को सम्मानित किया।
लगभग 400 किसानों ने इस दो दिवसीय विशाल आयोजन में भाग लिया।
(स्रोत: आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यू, अनुसंधान केन्द्र, सुनाबेड़ा, कोरापुट)
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