भाकृअनुप – केन्द्रीय चावल अनुसंधान संस्थारन, कटक में मनाया गया नवोन्मेष दिवस

भाकृअनुप – केन्द्रीय चावल अनुसंधान संस्थारन, कटक में मनाया गया नवोन्मेष दिवस

27 जनवरी, 2015, कटक

भाकृअनुप – केन्‍द्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान,  कटक द्वारा आज यहां दिनांक 27 जनवरी, 2015 को अपने परिसर में ‘फार्म इन्‍नोवेटर्स दिवस व बीजीआरईआई वैज्ञानिक – किसान पारस्‍परिक बैठक’ आयोजित की गई। इसमें केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकार के अधिकारियों के अलावा, ओडि़शा राज्‍य के 29 जिलों से 250 से भी अधिक नवोन्‍मेषी/प्रगतिशील किसानों तथा राज्‍य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

श्री रंगलाल जमुदा, आईएएस, विशेष सचिव, कृषि सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने मुख्‍य अतिथि के रूप में बोलते हुए राज्‍य में टिकाऊ कृषि उत्‍पादन के लिए ‘बीज, मृदा और जल’ की महत्‍ता पर प्रकाश डाला और मृदा की समस्‍याओं और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व की कमी की समस्‍या का समाधान तलाशने की आवश्‍यकता बताई। इन्‍होंने वैज्ञानिकों को सलाह दी कि वे भारतीय मृदा को प्रभावित करने वाली बाढ़, जलमग्‍नता, सूखा, लवणता और क्षारीयता जैसे अजैविक तथा जैविक दबाव हालातों के लिए उपयुक्‍त उन्‍नत किस्‍मों का विकास करें। इन्‍होंने किसान समुदाय से भाकृअनुप – केन्‍द्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान,  कटक द्वारा विकसित किस्‍मों और तकनीकों का लाभ उठाने की अपील की। श्री रंगलाल जमुदा ने चावल की खेती करने वाले 32 नवोन्‍मेषी किसानों को सम्‍मानित किया।

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समारोह के विशिष्‍ट अतिथि डॉ. पी.के. मेहरदा, आईएएस, कमिश्‍नर एवं निदेशक, कृषि एवं खाद्य उत्‍पादन विभाग, ओडि़शा सरकार ने कहा कि उन्‍नत किस्‍मों के बीजों, प्रौद्योगिकियों, फार्म मशीनरी तथा हमारे किसानों की कड़ी मेहनत के बिना कृषि क्षेत्र में प्रगति होना असंभव था। इन्‍होंने खाद्य उत्‍पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उनकी कड़ी मेहनत और दिए गए योगदान की सराहना की और उनका आभार व्‍यक्‍त किया जिसके लिए ओडि़शा राज्‍य को पिछले चार वर्षों के दौरान भारत सरकार द्वारा तीन बार ‘कृषि कर्मण पुरस्‍कार’ प्रदान किया गया है।

डॉ. त्रिलोचन महापात्र, निदेशक, भाकृअनुप – केन्‍द्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान,  कटक एवं अध्‍यक्ष महोदय ने विशेषकर विविध पारिस्थितिकी के लिए संस्‍थान द्वारा जारी की गईं किस्‍मों और उनकी उपयुक्‍तता की उल्‍लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। डॉ. महापात्र ने कार्यक्रम के उद्देश्‍यों के बारे में बताते हुए किसानों को प्रोत्‍साहित किया और आगे की जाने वाली कार्रवाई के लिए सुझाव दिए।

इस अवसर पर तीन प्रसार बुलेटिन नामत: ‘सीआरआरआई राइस वैरायटीज फॉर डाइवर्स इकोलॉजीज’, ‘राइस निमेटोड्स एंड देअर मैनेजमेंट’ तथा ‘एग्रो क्‍लाइमैटिक करैक्‍टराइजेशन फॉर क्रॉप प्‍लानिंग इन वॉटर स्‍ट्रेस प्रोन एरिया ऑफ गंजम’ को जारी किया गया। इस अवसर पर भाकृअनुप – केन्‍द्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान,  कटक की प्रौद्योगिकियों और उपकरणों को दर्शाने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।

डॉ. बी.एन. सदांगी ने अतिथियों व गणमान्‍य व्‍यक्तियों का स्‍वागत किया। डॉ. अमल घोष ने धन्‍यवाद ज्ञापन प्रस्‍तुत किया जबकि डॉ. एस.के. मिश्रा ने कार्यक्रम का समन्‍वय किया।

(स्रोत : भाकृअनुप – केन्‍द्रीय चावल अनुसंधान संस्‍थान,  कटक)

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