संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) तथा भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT), कोच्चि द्वारा दिनांक 8-10 अप्रैल, 2015 को कोच्चि में गिलनेट और ट्रैमल नेट फिशिंग से होने वाले खाद्य नुकसान तथा खराब होने वाले संसाधनों का अनुमान लगाने के लिए एक विशेषज्ञ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ. सी.एन. रवि शंकर, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि ने कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन किया।
डॉ. पेट्री सूरोनन, एफएओ मात्स्यिकी उद्योग अधिकारी ने कहा कि हमें गिलनेट तथा ट्रैमल नेट फिशिंग परिचालनों के कारण खाद्य नुकसान के स्रोतों को समझने और उनका परिमाणन करने की जरूरत है ताकि इनसे होने वाले खाद्य नुकसान को कम करने के लिए प्रौद्योगिकीय तथा प्रबंधन विकल्पों की पहचान की जा सके।
तीन दिवसीय बैठक के दौरान, विशेषज्ञों ने गिलनेट तथा ट्रैमल नेट फिशिंग परिचालनों से होने वाले खाद्य नुकसान का अनुमान लगाने के लिए सभी मूल्य श्रृंखला की समग्र कार्यप्रणाली पर तथा साथ ही कार्यप्रणाली के प्रयोग हेतु क्षमताशील स्थानों पर चर्चा की और सहमति जताई।
यह कार्यशाला भारत, बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया, तंजानिया, थाइलैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा वियतनाम के विशेषज्ञों को एकसाथ एक मंच पर लाई।
(स्रोत : भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT), कोच्चि)
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