रिमोट सेन्सिंग द्वारा प्रतिकूल जलवायु घटनाओं के कारण फसल नुकसान आकलन पर कार्यशाला

रिमोट सेन्सिंग द्वारा प्रतिकूल जलवायु घटनाओं के कारण फसल नुकसान आकलन पर कार्यशाला

भाकृअनुप – केन्‍द्रीय शुष्‍कभूमि कृषि अनुसंधान संस्‍थान (CRIDA), हैदराबाद में दिनांक 22 जून, 2015 को ‘प्रतिकूल मौसम घटनाओं के दौरान फसल नुकसान आकलन के लिए रिमोट सेन्सिंग की संभाव्‍यता’विषय पर एक दिवसीय विचार मंथन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

डॉ. चौ. श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप – केन्‍द्रीय शुष्‍कभूमि कृषि अनुसंधान संस्‍थान, हैदराबाद ने अपनी प्रारंभिक टिप्‍पणी में इस बात पर बल दिया कि प्रतिकूल प्राकृतिक घटनाओं के कारण नुकसानग्रस्‍त फसलों का स्‍थानीय सीमा तक आकलन करना जरूरी  और महत्‍वपूर्ण है ताकि नुकसान को कम करने के लिए सुधारात्‍मक उपायों को प्रारंभ किया जा सके और प्रभावित किसानों को समय से सहायता और क्षतिपूर्ति दी जा सके।

डॉ. एम. प्रभाकर, प्रधान वैज्ञानिक तथा इस कार्यशाला के संयोजक ने विदेशों के कुछ सफलतम अध्‍ययनों के साथ-साथ महाराष्‍ट्र में ओलावृष्टि से नुकसानग्रस्‍त फसलों की पहचान करने में उच्‍च रिजोलूशन सेटेलाइट डाटा का उपयोग करने में भाकृअनुप – केन्‍द्रीय शुष्‍कभूमि कृषि अनुसंधान संस्‍थान, हैदराबाद के अनुभवों को प्रतिभागियों के बीच बांटा।

Workshop on Crop damage assessment due to extreme climate events by remote sensing

इस कार्यशाला में भाकृअनुप – केन्‍द्रीय शुष्‍कभूमि कृषि अनुसंधान संस्‍थान, हैदराबाद के वैज्ञानिकों सहित एनआरएससी, हैदराबाद; एग्रीकल्‍चर इन्‍श्‍योरेंस कम्‍पनी इंडिया (AIC), नई दिल्‍ली; राज्‍य सरकारों के संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  

(स्रोत : भाकृअनुप – केन्‍द्रीय शुष्‍कभूमि कृषि अनुसंधान संस्‍थान (CRIDA), हैदराबाद)

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