भारत में अक्षमता, सहायक प्रौद्योगिकी तथा कृषि पर राष्ट्रीय संगोष्ठीन

भारत में अक्षमता, सहायक प्रौद्योगिकी तथा कृषि पर राष्ट्रीय संगोष्ठीन

15 – 16 मार्च, 2016, भोपाल

भाकृअनुप – केन्‍द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्‍थान (CIAE), भोपाल में अक्षमता, सहायक प्रौद्योगिकी और कृषि पर दो दिवसीय राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्‍ठी का आयोजन सोसायटी फॉर डिसअबिलिटी एंड रिहैबिलिटेशन स्‍टडीज (नई दिल्‍ली) तथा भाकृअनुप – केन्‍द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्‍थान, भोपाल द्वारा संयुक्‍त रूप से किया गया।

National Symposium on

डॉ. के.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप – केन्‍द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्‍थान, भोपाल ने अपने उद्घाटन संबोधन में अक्षमता अथवा दिव्‍यांगता वाले व्‍यक्तियों के लिए उपयुक्‍त इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकियों का विकास करने की जरूरत बताई।

डॉ. जी.एन. कर्ना, अवैतनिक अध्‍यक्ष, सोसायटी फॉर डिसअबिलिटी एंड रिहैबिलिटेशन स्‍टडीज (नई दिल्‍ली) ने दिव्‍यांग अथवा अपंग लोगों के रोजगार सृजन के लिए प्रौद्योगिकियां विकसित करने की जरूरत बताई ताकि उनका सशक्‍तिकरण और आजीविका सुनिश्चित की जा सके।

इस संगोष्‍ठी की प्रमुख सिफारिशों में अपंग अथवा दिव्‍यांग व्‍यक्तियों के लिए अनुसंधान व विकास तथा कौशल विकास कार्यक्रमों को चलाने के लिए  अनुसंधान व विकास तथा तकनीकी संस्‍थानों में शामिल कृषि वैज्ञानिकों को जागरूक करना था जिससे दिव्‍यांगों को सम्‍मान के साथ अपनी आजीविका अर्जित करने में मदद मिल सकेगी।

(स्रोत : भाकृअनुप – केन्‍द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्‍थान (CIAE), भोपाल) 

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