भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में टीएसपी के तहत किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में टीएसपी के तहत किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित

04 अक्टूबर, 2023, अविकानगर

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर द्वारा आज गांव- गांगदवाडी तहसील- बहरावंडा सिकराय, जिला- दौसा में अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी) के अंतर्गत किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं रबी की फसलों (सरसों एवं चना) के गुणवत्तायुक्त बीजों का वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मुख्य अतिथि, श्रीमती गौरा देवी पाटन ने बताया कि संस्थान के प्रयास से दौसा जिले के सिकराय व अन्य तहसील के भेड़पालक एवं किसानों को उन्नत नस्ल के भेड़-बकरी एवं उन्नत किस्म के बीजों का वितरण ओर प्रदर्शन आज हमारे माध्यम से किया जा रहा हैl इस कार्यक्रम मे उपस्थिति अतिथियों द्वारा भी किसानो को ऊनत खेती एवं पशुपालन पर सम्बोधन दिया गयाl

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में टीएसपी के तहत किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित

डॉ. गणेश जी. सोनावाणे, नोडल अधिकारी, टीएसपी, अविकानगर संस्थान ने भी कार्यक्रम मे पधारे जनजाति किसानों को टीएसपी परियोजना के द्वारा दौसा जिले में किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि टीएसपी भारत सरकार की परियोजना है जो आजीविका, खेती एवं पशुपालन के माध्यम से किसानों को ज्यादा से ज्यादा उन्नत करने पर केन्द्रीत हैl

डॉ. एस.एस. मिश्रा, अध्यक्ष, एजीबी विभाग, अविकानगर संस्थान ने कार्यक्रम में उपस्थित भेड़-बकरी पालको एवं किसानों को संबोधित करते उनसे निवेदन किया कि हर 2 साल में भेड़-बकरी का नस्ल सुधार के लिए ब्रीडर मेढ़ा बदल दें एवं अपने क्षेत्र के लिए मालपुरा, भेड़ की नस्ल ओर सिरोही बकरी नस्ल, पालन के लिए अपनाएं। डॉ. मिश्रा एवं टीएसपी टीम के सदस्यों ने स्वास्थ्य प्रबंधन, चारा प्रबंधन,पोषण प्रबंधन, सहकारी समिति के द्वारा खेती व पशुपालन व्यवस्था एवं विभिन्न मौसम आधारित प्रबंधन के बारे में किसानों को विस्तार से समझाया।

अविकानगर संस्थान की टीएसपी परियोजना के अंतर्गत दौसा जिले की विभिन्न तहसीलों, जैसे- सिकराय, बसवा-बाँदीकुई, नांगल राजावतन आदि गांव की जनजाति (महिला व पुरुष ) किसानों को इस अवसर पर 16 क्विंटल सरसो का आरएच-0725 किस्म, 5 क्विंटल से ज्यादा चना की सीएसजे-515 किस्म वितरित किया गया।  

संगोष्ठी स्थल पर 400 से ज्यादा जनजाति किसानों को लाभान्वित किया गया  तथा दौसा जिले के कुल 700 से ज्यादा किसानों को उन्नत किस्मों के बीज वितरण के माध्यम से उन्हें लाभान्वित किया गयाl

(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)

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